महबूबा मुफ़्ती को किया गया नज़रबंद, शहीद अहमद राथर से मिलने शोपियां जाना चाहती थीं महबूबा
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की मुखिया महबूबा मुफ़्ती (Mehbooba Mufti) सोमवार (1 नवंबर) को ज़िला शोपियां जाने की योजना बना रही थीं लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें शोपियां जाने की इजाज़त नहीं मिली और उनहें नज़रबंद रखा गया है। महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी का पिछले महीने 9 अक्टूबर को भी उनहें नज़रबंद रखा गया था। इस मामले पर पुलिस की तरफ़ से अभी कोई बयान नहीं आया है।
शाहिद अहमद राथर (Ahmad Rather) से मिलने उनके घर जाना चाहती थी महबूबा मुफ्ती। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के निवासी शहीद अहमद राथर (Ahmad Rather) की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी। अहमद राथर (Ahmad Rather) शोपियां के एक किसान के सेब के बगीचे में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता था।
पीडीपी (PDP) के एक नेता ने सरकार से यह सवाल किया की, “क्या सरकार की ओर से किसी ने परिवार को सांत्वना देने के लिए उसके घर का दौरा किया है। क्या प्रशासन ने घटना की कोई जांच शुरू की है या पीड़ित परिवार के लिए मुआवज़े की घोषणा की है?” पीडीपी (PDP) नेता ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए व्यक्ति के परिवार को सांत्वना देना अब अपराध हो गया है।
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