मायावती ने माना था SC-ST ऐक्ट का हो रहा है गलत इस्तेमाल, जारी किए थे आदेश

नई दिल्ली: देश SC-ST ऐक्ट के ज्वालामुखी में जल रहा है. न मानवीय मूल्यों का ख्याल रखा जा रहा है और न ही राष्ट्रीय संपत्तियों का. हमारे मुल्क की सियासत इस बात पर निर्भर हो चली है कि अगर हम सत्ता में हैं तो किसी नियम का विरोध नहीं करेंगे और सत्ता के सिंघासन से जैसे ही उतरे कि सुर बदलना जरूरी हो जाता है.

SC-ST ऐक्ट

SC-ST ऐक्ट पर सियासत!

इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार, जिस ऐक्ट को लेकर समूचे भारत में महाभारत मचा है. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जोर शोर से विरोध कर रही है. उसी एक्ट को लेकर कभी खुद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय मुखिया मायावती ने चिंता जताई थी. तब वो उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं.

उन्होंने माना था कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 का दुरुपयोग जोरों से किया जा रहा है.

तब मायावती सरकार ने तत्कालीन मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश को इस बात पर केंद्रित किया था कि  ऐक्ट के तहत केवल शिकायत के आधार पर कार्रवाई न हो बल्कि प्राथमिक जांच में आरोपी के दोषी पाए जाने पर ही गिरफ्तारी हो.

यह भी पढ़ें : विधान परिषद की 13 सीटों पर 26 अप्रैल को होगा मतदान

इसके अलावा एससी-एसटी ऐक्ट में रेप की शिकायतों पर तभी कार्रवाई का निर्देश दिया गया था जब पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हो जाए आरोपी दोषी पाया जाए.

मायावती ने अपने आदेश में साफ़ साफ कहा था कि पुलिस को केवल एससी-एसटी की शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. क्योंकि लोग व्यक्तिगत बदला चुकाने के लिए इस ऐक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं.

एससी-एसटी एक्ट को लेकर पिछले दिनों से शुरू हुई हिंसा में अबतक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा के दौरान विपक्ष और दलित संगठनों ने इस ऐक्ट को कमजोर करने का ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ा है.

यह भी पढ़ें : मोदी सरकार ने किया साफ मना, पैसा गायब होने पर नहीं कर सकते मदद

बैकफुट आती मोदी सरकार ने फ़ौरन इस एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्याचिका दाखिल की लेकिन सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि वह इस एक्ट में कोई भी बदलाव नहीं कर सकता है.

कोर्ट ने कहा कि जो लोग हिंसा पर उतारू हैं उन्होंने शायद अब तक फैसले को ठीक तरह से पढ़ा ही नहीं है. कोर्ट ने केवल इतना कहा है कि किसी भी व्यक्ति को इस एक्ट के तहत सीधे गिरफ्तार न करके पहले पुलिस को इसकी जांच करनी होगी.

LIVE TV