2019 चुनाव के मद्देनज़र मायावती ने भाजपा पर लगाया संगीन आरोप

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सवर्ण संगठनों द्वारा एससी-एसटी अधिनियम के विरोध में किए गए विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक स्टंट करार दिया है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि चुनाव के मद्देनजर ऐसे हथकंडे अपनाकर भाजपा लोगों को जातियों में बांटना चाहती है।

लखनऊ , 7 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सवर्ण संगठनों द्वारा एससी-एसटी अधिनियम के विरोध में किए गए विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक स्टंट करार दिया है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि चुनाव के मद्देनजर ऐसे हथकंडे अपनाकर भाजपा लोगों को जातियों में बांटना चाहती है।   मायावती ने कहा,"हम ऐसे लोगों से सहमत नहीं हैं, जो एससी-एसटी अधिनियम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अपने मन में गलत धारणा बना ली है कि अधिनियम का दुरुपयोग कर अन्य समुदाय के लोगों का दमन किया जाएगा।"   उन्होंने कहा,"मेरी सरकार में कभी भी एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग नहीं हुआ। बसपा की ही सरकार में पहली बार हमने सवर्णो को आर्थिक रूप से आरक्षण देने की मांग उठाई थी। बसपा जातिगत राजनीति नहीं करती, यह सभी धर्म और जाति को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।"  मायावती ने कल हुए भारत बंद को असफल करार देते हुए कहा कि सिर्फ भाजपा शासित प्रदेशों में ही भारत बंद हुआ। इससे ये साफ है कि भाजपा अपना वोट बैंक खिसकता देख लोगों को जाति-धर्म के मुद्दे पर भटकाने का काम कर रही है।  गौरतलब है कि एससी-एसटी अधिनियम के विरोध में सवर्ण संगठनों ने गुरुवार को भारत बंद का ऐलान किया था। उप्र सहित कई राज्यों में इस बंद का असर दिखाई दिया और कई जगहों पर तोड़-फोड़ की घटनाएं भी हुई थीं।

मायावती ने कहा,”हम ऐसे लोगों से सहमत नहीं हैं, जो एससी-एसटी अधिनियम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अपने मन में गलत धारणा बना ली है कि अधिनियम का दुरुपयोग कर अन्य समुदाय के लोगों का दमन किया जाएगा।”

उन्होंने कहा,”मेरी सरकार में कभी भी एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग नहीं हुआ। बसपा की ही सरकार में पहली बार हमने सवर्णो को आर्थिक रूप से आरक्षण देने की मांग उठाई थी। बसपा जातिगत राजनीति नहीं करती, यह सभी धर्म और जाति को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।”

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मायावती ने कल हुए भारत बंद को असफल करार देते हुए कहा कि सिर्फ भाजपा शासित प्रदेशों में ही भारत बंद हुआ। इससे ये साफ है कि भाजपा अपना वोट बैंक खिसकता देख लोगों को जाति-धर्म के मुद्दे पर भटकाने का काम कर रही है।

गौरतलब है कि एससी-एसटी अधिनियम के विरोध में सवर्ण संगठनों ने गुरुवार को भारत बंद का ऐलान किया था। उप्र सहित कई राज्यों में इस बंद का असर दिखाई दिया और कई जगहों पर तोड़-फोड़ की घटनाएं भी हुई थीं।

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