कहने का सलीका हो तो हर बात सुनी जा सकती है: न्यायामूर्ति राजीव सिंह

लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर स्थित विधि संकाय कि मूट कोर्ट कमेटी द्वारा कराए जा रहे के०के० श्रीवास्तव इंटरकॉलेजएट मूट कोर्ट कंपटीशन का समापन 17 जुलाई 2022 को हुआ। प्रतियोगिता के अंतिम दिन सेमीफाइनल तथा फाइनल राउंड का आयोजन किया गया।

क्वार्टर फाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली 4 टीमों ने सेमीफाइनल में प्रतिभाग किया जिसमें उन्हें हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा जज किया गया। 2 कोर्ट रूम्स में प्रतिभाग कर रही 4 टीमों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली 2 टीमों को फाइनल राउंड के लिए चयनित किया गया । फाइनल राउंड एवम समापन समारोह का आयोजन द्वितीय परिसर में स्थित जूरिस हाल में कराया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि न्यायामूर्ति डी के सिंह तथा बतौर विशिष्ट अतिथि न्यायामूर्ति शमीम अहमद व न्यायामूर्ति राजीव सिंह उपस्थित रहे एवम उन्होंने फाइनल राउंड में छात्रों को जज किया।

प्रोफेसर के०के० श्रीवास्तव, जिनकी स्मृति में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया उनका परिवार भी इस मौके पर उपस्थित रहा। संकाय अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष प्रो ० सी० पी ० सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया तथा प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। प्रतिभागियों के मनोबल को बढ़ाते हुए कहा कि हार जीत प्रतियोगिता के दो पहलू होते हैं परंतु भागीदारी परम आवश्यक होती है। अपने इस कार्यक्रम को बतौर संकाय अधिष्ठाता, अंतिम कार्यक्रम बताते हुए उन्होंने सभी शिक्षकों, प्रतिभागियों , उपस्थित जजों को धन्यवाद किया। इस मौके पर उन्होंने न्यायामूर्ति डीके सिंह, न्यायामूर्ति शमीम अहमद तथा न्यायामूर्ति राजीव सिंह आभार जताया।

न्यायामूर्ति डीके सिंह ने बताया कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता भविष्य के अधिवक्ताओं तथा विधि निर्माताओं को जन्म देती है । उन्होंने कहा फाइनल राउंड में प्रतिभाग कर रही दोनों ही टीमों ने उत्तम प्रदर्शन किया परंतु नियमानुसार विजेता कोई एक होगा तथा हार व जीत मायने नहीं रखती। न्यायामूर्ति राजीव सिंह जी ने भी प्रतिभाग कर रही सभी टीमों को शुभकामनाएं देते हुए कहा की मूट कोर्ट प्रतियोगिता वाचन शैली को निखारती है। वाचन शैली का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि _यदि कहने का सलीका हो तो हर बात सुनी जा सकती है..

इस मौके पर उपस्थित रहे न्यायामूर्ति शमीम अहमद ने भी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता विधिक द्वार का प्रथम परीक्षण होती है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता छात्रों को भविष्य के लिए एक अच्छा विधि निर्माता बनने का मौका प्रदान करती है। पुरस्कार वितरण समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा चित्रा सिंह श्रेष्ठ रिसर्च, सुकृति चौधरी , शिवांश श्रीवास्तव तथा पियूष उपाध्याय बेस्ट मेमोरियल तथा शिया पीजी कॉलेज की छात्रा इफ्फत खान श्रेष्ठ वक्ता घोषित किए गए। कार्यक्रम में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के प्रोत्साहन हेतु विशेष पुरस्कार रखे गए थे जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र शशांक सिंह को श्रेष्ठ रिसर्चर तथा सुहानी रस्तोगी को श्रेष्ठ वक्ता पुरस्कार से नवाजा गया।

प्रथम वर्ष में अनन्या तिवारी ,सुहानी रस्तोगी तथा समृद्धि श्रीवास्तव की टीम को श्रेष्ठ टीम से पुरस्कृत किया गया एवं 1500 रुपए की नकद राशि इनाम स्वरूप दी गई। लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा टी सुकृति चौधरी, शिवम श्रीवास्तव तथा पियूष उपाध्याय विजेता घोषित किए गए एवम उन्हें ₹5000 से पुरस्कृत किया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय की टीम माही राय, विधि पटेल, ज्योत्सना सिंह उप विजेता घोषित किए गए एवं उन्हें भी 3000 रुपए से पुरस्कृत किया गया।

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