लखनऊ में तीन मंजिला इमारत ढहने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। ट्रांसपोर्ट नगर में स्थित इस व्यावसायिक परिसर में चार गोदाम हैं। वहां 30 से ज़्यादा लोग काम कर रहे थे। 22 घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। शनिवार देर रात तक बचाव अभियान जारी रहा।

पुलिस और दमकल विभाग की टीमों के अलावा एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को भी बचाव अभियान में लगाया गया। लोगों को बचाने के लिए कटर की मदद से मलबा हटाया गया।
ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार संघ एवं वेयरहाउस के प्रवक्ता राजनारायण सिंह ने बताया कि जलभराव के कारण नींव कमजोर होने के कारण इमारत गिरी। उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बार शिकायत की गई, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना से करीब एक घंटे पहले एक खंभे का प्लास्टर गिर गया था। जागरण डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लोगों का यह भी अनुमान है कि किसी ट्रक ने परिसर के एक खंभे को टक्कर मार दी होगी। जिला मजिस्ट्रेट सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि इमारत गिरने का सही कारण पूरी जांच के बाद ही पता चलेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन प्रकोष्ठ के प्रमुख अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि इमारत कुमकुम सिंघल की है और इसका खाका 31 अगस्त 2010 को स्वीकृत हुआ था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर दुख जताया है। अतिरिक्त गृह सचिव दीपक कुमार और एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।