LIC का इतिहास है सबसे पुराना , चाहे किसी की भी सरकार हो काम हैं बचाना…

कारोबारी दुनिया में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट पेश किया. वहीं देखा जाए तो ये बजट सभी लोगो के हित में था. लेकिन देखा जाए तो युवा पीढ़ी से लेकर कई लोग इस बजट से नाराज़ दिखे हैं.

 

खबरों की माने तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि देशभर में अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए सरकार 25 हजार करोड़ रुपये का फंड देगी.

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जहां योजना के तहत इसमें से 10 हजार करोड़ रुपये सरकार देगी और बाकी 15 हजार करोड़ रुपये भारतीय जीवन बीमा निगम  (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा मिलकर दिया जाएगा. इस तरह एलआईसी एक बार फिर सरकार के लिए संकटमोचन बनकर सामने आया है.

लेकिन  इस मामले में विपक्ष भले आलोचना करे, लेकिन एलआईसी का ऐसा इतिहास काफी पुराना है और एनडीए सरकार रही हो या यूपीए की, वह हमेशा सरकार के लिए संकटमोचन बनकर खड़ा रहा है.

ऐसा इसके पहले खस्ताहाल बैंक IDBI के लिए भी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) संकटमोचन बनकर आया था. एलआईसी ने इस बैंक को बचाने के लिए इसकी 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. एलआईसी ने इस अधिग्रहण के तहत 28 दिसंबर को आईडीबीआई बैंक में 14,500 करोड़ रुपये डाले थे.

जहां उसके बाद 21 जनवरी को उसने बैंक में 5,030 करोड़ रुपये और डाले. तब बाजार के विश्लेषकों और जानकारों ने इस फैसले पर हैरानी और नाखुशी जताई थी.

लेकिन एलआईसी के पास बैंक चलाने का हुनर और अनुभव नहीं है. हालांकि, इसके अलावा भी एलआईसी ने कई सरकारी बैंकों में निवेश कर रखा है. एलआईसी ने सरकारी प्रतिभूतियों में करीब 1.87 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है.

इस बात की भी चर्चा चल रही है कि अगर एअर इंडिया का कोई खरीदार नहीं मिलता है तो सरकार उसमें एक बड़ी हिस्सेदारी एलआईसी को दे देगी. हालांकि, अभी इसके बारे में कोई पुख्ता खबर नहीं है. वैसे भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने ऐसी कई कंपनियों में निवेश किया है, जो ‘दिवालिया’ होने के कगार पर हैं. ऐसी कई कंपनियों की याचिका राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा दिवालियापन की प्रक्रिया (आईबीसी) के तहत स्वीकार कर लगी गई है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल में बताया था कि राजमार्गों के विकास के लिए साल 2024 तक भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने सरकार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का प्रस्ताव रखा है.

दरअसल मोदी सरकार में एलआईसी द्वारा सरकारी कंपनियों को बचाने के लिए मोटी रकम लगाने का विपक्ष लगातार आलोचना करता रहा है, लेकिन सच तो यह है कि कांग्रेस या यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी ऐसा होता रहा है. सितंबर महीने में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट कर कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का पैसा घाटे वाली कंपनियों में लगाकर देश के आम लोगों के भरोसे को चकनाचूर कर रही है.

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