यूपी निकाय चुनाव : लखनऊ में चंदे से ‘चांद’ तक जाने को तैयार मजदूर

मजदूरीलखनऊ। यूपी निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान रविवार को शुरू हो चुका है। इस चुनाव में भी बड़े और कद्दावर नेताओं की साख दांव पर लगी है। इन सबके बीच एक ऐसा पार्षद प्रत्याशी है जो मजदूरी करता है और लखनऊ के इंदिरानगर इलाके के मैथिलीशरण गुप्‍त वार्ड से ‘आप’ के बैनर तले चुनाव लड़ रहा हैं। आम आदमी पार्टी ने मजदूरी करने वाले वीरेंद्र कुमार गुप्‍ता को अपना प्रत्याशी बनाया है।

खास बात ये है कि इस प्रत्‍याशी के पास चुनाव लड़ना तो दूर दो जून की रोटी तक का पैसा नहीं है वहीं दूसरों के घरों में काम करने वाली कामगार औरतों और मजदूरी करने वाले लोगों ने चंदा लगाया और इस मजदूर की समाज सेवा को देखकर जिताने का संकल्‍प लिया है।

वीरेन्द्र के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, थोड़ी मजदूरी भी कर लेते हैं पत्नी निजी स्कूल में आयागिरी का काम करती हैं उनके चुनाव प्रचार में उन्हीं जैसे आम लोगों की भीड़ है इसमें घरों में काम करनेवाली महिलाएं, दिहाड़ी मज़दूर और शिक्षित बेरोजगारों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं और हां, 110 वार्डों में वीरेन्द्र कुमार गुप्ता अकेले ऐसे प्रत्याशी हैं जिनका पर्चा रंगीन नहीं, काला-सफ़ेद है

बता दें, कि वीरेंद्र कुमार गुप्‍ता को जिताने के लिए बड़े-बूढों के साथ बच्‍चे तक मैदान में हैं मोहल्ले के गरीब बच्‍चों ने अपनी कलाकारी से अपने वीरू अंकल के लिए चार्ट पेपर पर हाथ से रंग बिरंगे चुनावी कटआउट, स्‍लोगन बोर्ड जैसी चुनावी प्रचार सामग्री तैयार की है इसे लेकर बच्‍चे प्रत्‍याशी के साथ गली-गली घूमकर पूरे मन से प्रचार कर रहे हैं

वीरेंद्र गुप्‍ता ने बातचीत में बताया कि मेरा बचपन बाल मजदूरी में बीत गया वहीं गरीब बस्तियों के अधिकतर परिवारों की तरह कई सालों से उनके परिवार के लिए भी बरसात का मतलब मुसीबतों से मुठभेड़ करना रहा है यहि वजह है कि आज वो इस गंदगी को साफ करने के लिए खुद चुनाव मैदान में बड़े-बड़े पार्टियों के प्रत्याशियों से मोर्चा ले रहे है।

साभार: न्यूज18 हिंदी

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