
नई दिल्ली: देश में सबसे बड़ी सुरंग बनने जा रही है। यह सुरंग देश ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी सुरंग होगी। इसकी नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे। पीएम मोदी शनिवार से दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। कारगिल जिले में बनने वाली भारत की जोजिला सुरंग का नाम और इसकी खासियतें पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बन गई हैं। इसकी गिनती अभी दुनिया की सबसे खतरनाक सड़क में होती है।
14.2 किलोमीटर लंबी सुरंग के बनने पर जोजिला से गुजरने पर लगने वाला समय 3.5 घंटों से घटकर सिर्फ 15 मिनट हो जाएगा। इसके बन जाने के बाद श्रीनगर-कारगिल-लेह के बीच 12 महीने सड़क संपर्क बना रहेगा, जो अभी नहीं हो पाता। सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी के कारण कारगिल पोस्ट तक सप्लाई पहुंचाना मुश्किल हो जाता है।
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जोजिला सुरंग की खासियतें-
भारतीय सेना ने सबसे पहले साल 1997 में जोजिला सुरंग को बनाने के लिए सर्वे किया था। 1999 के करगिल युद्ध के बाद इस योजना काम किया किया जाना शुरू हुआ।
इस सुरंग का निर्माण कार्य जिस इलाके में किया जाएगा वह समुद्र तल से 11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
सुरंग बनने के बाद जोजिला से गुजरने में लगने वाला वक्त 3.5 घंटे से घटकर सिर्फ 15 मिनट हो जाएगा।
यह सुरंग 14.2 किमी लंबी होगी।
एशिया की सबसे लंबी टू-वे टनल जोजिला सुरंग होगी।
मौजूदा हाईवे से लगभग 400 मीटर नीचे यह सुरंग बनाई जाएगी।
इस सुरंग की लागत करीब 6,809 करोड़ रुपए होगी।
टनल को साल 2026 तक तैयार करने की योजना है।
इसमें सीसीटीवी, ट्रैफिक लॉगिंग इक्विपमेंट, वेंटिलेशन, विद्युत आपूर्ति, इमरजेंसी लाइटिंग, टनल रेडियो सिस्टम जैसे कई लेटेस्ट और हाईटेक फीचर्स होंगे।
इस सुरंग में पैदल राहगीरों को कोई समस्या नहीं होगी। उनके लिए 250 मीटर में रोड क्रॉस करने की व्यवस्था होगी।
सुरंग को सुरक्षित बनाने के लिए हर 125 मीटर पर एक इमरजेंसी टेलीफोन और फायर फाइटिंग केबिन भी होगा।
माना जा रहा है कि, जोजिला सुरंग के निर्माण कार्य के दौरान व इसके बन जाने के बाद लद्दाख क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। फिलहाल यहां ज्यादातर पर्यटक प्लेन के जरिए ही पहुंचते हैं। सर्दियों में इसका आंकड़ा भी काफी कम हो जाता है।