जानिए आखिर क्यों गुजरात में एक साथ 600 मुस्लिम मछुआरों ने मांगी इच्छामृत्यु

सुकीर्ति मिश्रा
गुजरात:
पोरबंदर के गोसाबारा के तटीय इलाके के रहने वाले मछुआरा समुदाय के नेता के द्वारा अपने समुदाय के 600 लोगों के लिए इच्छामृत्यु की मांग की गई है। इसको लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई। यह याचिका मुस्लिम मछुआरों के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले अल्लाहरखा इस्माइलभाई थिमार के द्वारा दाखिल की गई है। याचिका को वकील धर्मेश गुर्जर के जरिए दायर किया गया।

याचिका में उनके द्वारा आरोप लगाया गया है कि प्रशासन धर्म के आधार पर मूलभूत सुविधाओं से उन्हें(इस समाज के लोग) वंचित रख रहा है। यही नहीं उनसे भेदभाव भी किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता ने मुस्लिम मछुआरा समुदाय के 600 सदस्यों और अपने परिवार के लिए रहम की मांग की है। याचिका में अपनी समस्याओं का जिक्र करते हुए बताया गया कि संबंधित विभाग के अदिकारी उन्हें गोसाबारा या नवी बंदर पर नावों को लंगर डालने की अनुमति नहीं देते। वह उन्हें 2016 से परेशान कर रहे हैं। इसके चलते ही उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस्माइलभाई का आरोप है कि अधिकारी धर्म के आधार पर उनके समुदाय के साथ ये भेदभाव कर रहे हैं।

धर्म के आधार पर लगाए गए भेदभाव का आरोप

इस्माइलभाई का आरोप है कि अधिकारी धर्म के आधार पर ही उनके समुदाय के साथ में ये भेदभाव कर रहे हैं। जबकि हिंदू मछुआरों को नियमित रूप से यह सुविधाएं प्रदान की जा रही है। याचिका में बताया गया कि मुस्लिम मछुआरों ने समस्या सुलझाने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों से भी गुहार लगाई। हालांकि मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया। उनके द्वारा मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी की गई लेकिन कोई नतीजा न निकल सका।

‘हमेशा वफादार रहा है मुस्लिम मछुआरा’

याचिका में कहा गया कि मुस्लिम मछुआरा समुदाय हमेशा से ही देश के प्रति वफादार रहा है। कभी भी वह तस्करी जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हुआ। इसी के साथ मुस्लिम मछुआरों ने अक्सर ऐसी गतिविधियों के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को अवगत करवाया जो पाकिस्तान या अन्य द्वारा प्रायोजित थीं।

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