
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसरी में हुए भूस्खलन(Kinnaur Nigulsari Landslide) और पहाड़ों से पत्थर गिरने के कारणों का अध्ययन करने लिए केंद्र सरकार की कई टीमें पहुंची है। राष्ट्रीय राजमार्ग के एग्जिक्यूटिव इंजिनियर के. एल. सुमन ने बताया कि अध्ययन का मकसद भूस्खलन के कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों या हों भी तो कम से कम नुकसान हो इसके लिए कौन से तरीके अपनाए जा सकते हैं का पता लगाना था। गौरतलब है कि निगुलसरी के पास पहाड़ टूटने के हादसे के सातवें दिन मंगलवार को तीन और लोगों के शव निकाले गए थे। सभी शवों को निकाल लिया गया है। इस हादसे में मृतकों की संख्या 28 पहुंच गई है।

सबसे लंबे और कठिन सर्च ऑपरेशन को पूरा कर लिया गया है। सात दिन तक जान जोखिम में डालकर एनडीआरएफ, पुलिस विभाग, आईटीबीपी, सीआईएसएफ एसजेवीएन, गृहरक्षक और अन्य बचाव दलों के 200 से अधिक जवान, स्थानीय लोग बचाव एवं दुर्घटना स्थल का निरीक्षण कर रही हैं। घटनास्थल पर पत्थर गिर रहे थे बावजूद इसके बचाव दल डटे रहे।