केजीएमयू के सुरक्षा की पोल खोलती यह रिपोर्ट, कभी भी हो सकती बड़ी अनहोनी

रिपोर्ट- पंकज सिंह

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय प्रशासन ने 20 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों की सुरक्षा ताख पर रख दी है। बीते साल 15 जुलाई 2017 को ट्रामा सेंटर में आग लगने के बाद भी केजीएमसी प्रशासन सुध नहीं ले रहा है। यहाँ मरीज, छात्र, डॉक्टर कभी भी करंट के चपेट में आ सकते हैं।

केजीएमयू

दरअसल, निदेशालय विधुत सुरक्षा के जाँच रिपोर्ट में पोल खोल दी। केजीएमसी प्रशासन ने मानक के अनुरूप कार्य नहीं कराया। जिसके फलस्वरूप जाँच में हर जगह गड़बड़ियां मिलीं।

विश्वविद्यालय में हर जगह खुले पड़े तारों व ट्रांसफार्मर के ऊपर घास अपनी पैठ बना चुकी है। इस कारण यहाँ कभी भी दुर्घटना हो सकती है।

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विश्वविद्यालय में हज़ारों की संख्या में मरीज व तीमारदार छात्र, डॉक्टर आते हैं, जो कभी भी करंट की चपेट में आ सकते हैं। पूरे कैंपस में अर्थिंग की समस्या है. ट्रामा सेंटर, शताब्दी फेज़ 1 और 2 तथा छात्रावासों में यह पहली बार नहीं है। जब ऐसा देखने को मिला है।

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15 जुलाई 2017 को ट्रामा सेंटर में भीषण आग लग गयी थी, जिससे जान माल का नुकसान हुआ था. पर यहाँ आज भी सुरक्षा के मानकों को ताख पर रख कर काम हो रहा है।

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