Kabul University Attack: मुख्य साजिशकर्ता को होगी फांसी, 22 लोगों की हुई थी मौत

पिछले साल दो नवंबर को काबुल यूनिवर्सिटी में सेना की वर्दी में आए दो हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं। इस हमले में 22 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में आठ छात्र और दस छात्राएं थीं। सभी की उम्र 20 से 26 साल के बीच थी। आतंकवादियों की यह कार्रवाई छह घंटे तक चली थी।

अफगानिस्तान की काबुल यूनिवर्सिटी में नवंबर में गोलीबारी की घटना के मास्टरमाइंड मुहम्मद आदिल को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। यह जानकारी अफगानिस्तान के गृह मंत्री ने दी। आदिल को फांसी के साथ ही सहयोगी रहे पांच अन्य लोगों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई गई है।

उल्‍लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी में उस वक्‍त पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित की गई थी जिसमें ईरान के राजदूत भी पहुंचे थे। अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने काबुल यूनिवर्सिटी के हमले के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया था। तालिबान ने इससे पल्ला झाड़ लिया था।

अमरुल्‍लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने अदालत के फैसले का शनिवार को स्‍वागत किया और कहा कि मामले में न्‍याय किया गया है। अन्‍य दोषियों को भी मौत की सजा दी गई थी। आदिल पर अपहरण व अन्‍य आतंकी गतिविधियों का भी आरोप रहा है। यह हमला ऐसे वक्त हुआ जब विद्रोहियों की अमेरिका समर्थित सरकार के साथ शांति वार्ता चल रही थी। 5-6 घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान छिटपुट ग्रेनेड विस्फोट और यूनिवर्सिटी के आसपास की सड़कों पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी। हमले के दौरान अफगान सुरक्षाकर्मियों ने भी मोर्चा संभाल लिया था।

इससे पहले इस्लामिक स्टेट ने राजधानी के शिया बहुल दश्त-ए-बार्ची के एक शिक्षण केंद्र में आत्मघाती बम हमलावर भेजा था, जिसके हमले में 24 विद्यार्थियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे। वर्ष 2019 में इस यूनिवर्सिटी के गेट पर बम विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई थी। वहीं वर्ष 2016 में बंदूकधारियों ने काबुल स्थित अमेरिकी यूनिवर्सिटी पर हमला किया था और 13 लोगों को मार डाला था।

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