
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से दुनियाभर की कंपनियां नुकसान उठा रही हैं, अपनी यूनिट पर ताला लगा रही हैं। दूसरी तरफ, कई ऐसी भी विदेशी कंपनियां हैं जो भारत के भविष्य पर भरोसा कर टेलीकॉम सेक्टर में अरबों का दांव लगा रही हैं। भारत के बढ़ते डिजिटल बाजार की वजह से रिलायंस जियो से लेकर एयरटेल व वोडाफोन-आइडिया में इस मंदी युग में भी नए निवेश की तैयारी हो रही है। इन कंपनियों में दिग्गज विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी इसलिए है, क्योंकि ये कंपनियां सिर्फ फोन कनेक्शन देने का काम नहीं करती बल्कि डिजिटल सर्विस भी मुहैया कराती हैं। एयरटेल के पास विंक व एयरटेल एक्सट्रीम, वोडाफोन आइडिया के पास वोडाफोन प्ले तो रिलायंस जियो के पास जियो टीवी व जियो सिनेमा, जियो म्यूजिक जैसे डिजिटल प्लेटफार्म हैं।

दिग्गज टेक कंपनियां देश के टेलीकॉम मार्केट में निवेश को तैयार
यही वजह है कि वैश्विक मंदी के इस काल में रिलायंस जियो में इस वर्ष 22 अप्रैल से इस सप्ताह शुक्रवार तक दुनिया के छह शीर्ष टेक निवेशक 92,202.15 करोड़ रुपए का निवेश कर चुके हैं। एयरटेल में दुनिया की टॉप ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन 200 करोड़ डॉलर यानी करीब 15,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना बना रही है। वोडाफोन-आइडिया में गूगल बड़ा निवेश करने पर विचार कर रही है। भारत के 100 करोड़ से अधिक टेलीकॉम उपभोक्ता इन तीन कंपनियों के ग्राहक हैं। रिलायंस जियो के पास 37 करोड़, वोडाफोन आइडिया के पास 33.26 करोड़ तो भारती एयरटेल के पास 32.7 करोड़ उपभोक्ता हैं।
ये हैं मुख्य वजहें
आनन्द राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी रिसर्च (फंडामेंटल) विभाग के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिग्गज कंपनियों द्वारा हाल में भारत के टेलीकॉम सेक्टर में निवेश की हालिया घोषणाओं को भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। साथ ही देश में डेटा की खपत में लगातार वृद्धि भी इसकी वजह है। उन्होंने कहा कि डेटा की खपत बढ़ने से कंपनियों का रेवेन्यू बढ़ता है। सोलंकी ने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म के जरिए कंटेट डिलिवरी में बढ़ोत्तरी भी इसकी एक वजह है।