जिन्ना की वसीयत में जायदाद एएमयू को देने का ज़िक्र, कॉलेज प्रशासन का दावा- कभी नहीं लेंगे हिस्सा

अर्जुन

अलीगढ़। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की वसीयत में जायदाद का एक तिहाई हिस्सा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम है। जिन्ना ने अपनी वसीयत सन 1939 में लिखी थी। मुंबई के जिन्ना हाउस समेत अन्य जायजाद का उल्लेख किया गया है।

मोहम्मद अली जिन्ना

एएमयू इंतजामिया का दावा है कि वसीयत के अनुसार जायदाद लेने के लिए कभी दावा नहीं किया और न ही करेंगे।

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जिन्ना से विश्वविद्यालय का कोई मतलब नहीं है। इंतजामिया के अनुसार मोहम्मद अली जिन्ना ने अपनी वसीयत में जायदाद को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, मदरसा कराची और मदरसा इस्लामिया पंजाब को बराबर हिस्सा दिया।

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इंतजामिया का दावा है कि वसीयत का एक तिहाई भाग एवं उनके नाम है। लेकिन संपत्ति लेने के लिए कभी दावा नहीं किया और ना ही भविष्य में किया जाएगा। जिन्ना से विश्वविद्यालय का कोई मतलब नहीं है। हालांकि कैंपस के यूनियन हॉल में लगी जिन्ना की तस्वीर सिर्फ इतिहास का हिस्सा है।

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