बिहार चुनाव में जनसुराज का दमदार आगाज, प्रशांत किशोर की सूची ने बदले सियासी समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सियासी माहौल में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने गुरुवार को अपनी पहली 51 उम्मीदवारों की सूची जारी कर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी महागठबंधन दोनों खेमों में खलबली मचा दी है। इस सूची में जातीय और सामाजिक समीकरणों का ऐसा संतुलन दिखता है, जो प्रशांत किशोर की रणनीतिक चतुराई और उनकी राजनीतिक मंशा को स्पष्ट करता है।

जनसुराज ने छह मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर साफ कर दिया है कि वह केवल सीमांचल तक सीमित नहीं रहेगी। सिकटी, अमौर और बैसी जैसी सीटों के अलावा महिषी, बेनीपट्टी और दरभंगा जैसी मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र की सीटों पर भी मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारा गया है। सिकटी, अमौर और बैसी में मुस्लिम मतदाता बहुसंख्यक हैं, जबकि बेनीपट्टी, महिषी और दरभंगा में इनकी आबादी 16 से 22 प्रतिशत के बीच है। यह रणनीति राजद के पारंपरिक मुस्लिम-यादव समीकरण को सीधे चुनौती देती है, जिसे पिछले चुनाव में AIMIM ने भी सीमांचल में प्रभावित किया था। इस बार जनसुराज और AIMIM का मुस्लिम-प्रभाव वाली सीटों पर सक्रिय होना महागठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

सूची में 25 टिकट अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) और अगड़ा वर्ग को दिए गए हैं, जो बिहार की सियासत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। करीब 33 प्रतिशत ईबीसी वोटर राज्य की राजनीतिक दिशा तय करते हैं और पिछले दो दशकों से यह वर्ग मुख्य रूप से भाजपा-जदयू गठबंधन के साथ रहा है। जनसुराज का यह जातीय संतुलन NDA के वोट बैंक को कमजोर करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, 11 टिकट पिछड़ा वर्ग (OBC) और 7 टिकट अनुसूचित जाति (SC) को दिए गए हैं, जो प्रशांत किशोर के “सबका प्रतिनिधित्व, बिना बंटवारे की राजनीति” के संदेश को मजबूती देता है।

प्रशांत किशोर ने अपनी सूची में कई आश्चर्यजनक नाम शामिल किए हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह और किन्नर समाज की प्रीति किन्नर जैसे नाम इस सूची को खास बनाते हैं। इसके साथ ही पांच नामी डॉक्टरों और एक कुलपति को टिकट देकर जनसुराज ने यह संदेश दिया है कि वह केवल जातीय समीकरणों पर निर्भर नहीं है, बल्कि शिक्षित और सामाजिक रूप से प्रभावशाली चेहरों को भी आगे ला रही है।

करगहर सीट, जहां से खुद प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, वहां से भोजपुरी गायक रितेश पांडे को उतारा गया है। रितेश का पूर्वांचल और भोजपुर बेल्ट में बड़ा फैनबेस जनसुराज के लिए प्रचार में ताकत बन सकता है। वहीं, दरभंगा से पूर्व होमगार्ड डीजी आर.के. मिश्र को टिकट देकर प्रशांत किशोर ने प्रशासनिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक चेहरों का समावेश किया है।

यह सूची बिहार की सियासत में नया रंग भर रही है और दोनों प्रमुख गठबंधनों के लिए चुनौतियां पेश कर रही है।

LIVE TV