Janmashtami 2021 : जन्माष्टमी के व्रत में क्या आप भी करते हैं इन नियमों का पालन!

जन्माष्टमी(Janmashtami 2021) का पर्व हर साल भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। देशभर में कोरोना वायरस महामारी संकट को देखते हुए मुथरा के प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। लोग घरों में भी रहकर जन्माष्टमी का उत्सव लाइव देश सकेंगे।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक इस दिन व्रत उपवास के भी कुछ नियम होते हैं। इन मान्यताओं का पालन करने से व्रत/पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताने जा रहे हैं जिनका खास ख्याल इस दिन रखना चाहिए।

किसी का भी न करें अनादर

भगवान ने प्रत्येक इंसान को बनाया है। इसलिए किसी भी गरीब-अमीर का अनादर इस दिन न करें। लोगों के साथ विनम्रता और सह्रदयता के साथ व्यवहार करें। दूसरों के साथ भेदभाव करने से जन्माष्टमी का पुण्य नहीं मिलता है।

तामसिक आहार न लें

मान्यता है कि जिस घर में भगवान की पूजा की जाती है या व्रत होता है वहां जन्माष्टमी के दिन लहसुन और प्याज जैसी तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक आहार ही लेना चाहिए।

ब्रह्मचर्य का करें पालन

मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने पर पाप लगता है।

गायों को न सताएं

भगवान श्रीकृष्ण को गाय अति प्रिय हैं। लिहाजा इस दिन गायों की पूजा और सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। लिहाजा इस दिन किसी भी पशु को नहीं सताना चाहिए।

चावल या जौ का करें सेवन

शास्त्रों के मुताबिक एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल या जौ का बना भोजन नहीं खाना चाहिए। चावन को भगवान शिव का रूप भी माना गया है।

रात 12 बजे से पहले न खोले व्रत

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जन्माष्टमी का व्रत करने वालों को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होने तक यानि की रात 12 बजे तक ही व्रत का पालन करना होता है। इससे पहले अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। बीच में व्रत तोड़ने से फल प्राप्त नहीं होता है।

LIVE TV