सरकार पर भड़के शहीद के परिजन, छलका बेटी का दर्द कहा- ‘जम्मू’ की नहीं इन्हें तो बस ‘कश्मीर’ की चिंता

श्रीनगर। पाकिस्तान की ओर से 4 फरवरी को सीजफायर उल्लंघन के दौरान हुई फायरिंग में शहीद जवान के घरवाले जम्मू एवं कश्मीर सरकार से नाराज है। उन्होंने अपनी भड़ास निकालते हुए सरकार को काफी बुरा-भला कहा। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाया कि उनके पास देश के लिए शहीद हो रहे जवानों के परिवार की सुध लेने का वक्त नहीं। लेकिन पत्थरबाजी कर अशांति फैलाने वाले लोगों को घर और नौकरी मुहैया कराई जा रही है।

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जम्मू एवं कश्मीर

बता दें हवलदार रोशनलाल 4 फरवरी को राजौरी में भीमबेर गली सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई उकसावे वाली फायरिंग में शहीद हो गये थे।

इस दौरान कैप्टन कपिल कुंदू, राइफलमैन रामअवतार, राइफलमैन शुभम सिंह ने भी अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी।

कैप्टन कुंदू हरियाणा के रहने वाले थे, जबकि  27 वर्षीय राइफलमैन रामअवतार ग्वालियर के बाराका गांव के, 23 वर्षीय शुभम सिंह जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ के और 43 वर्षीय हवलदार रोशन लाल जम्मू एवं कश्मीर के सांबा के रहने वाले थे।

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खबरों के मुताबिक़ हवलदार रोशन लाल की बेटी अर्तिका ने कहा कि उनके पिता की शहादत के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने उनके परिवार को कोई फोन भी नहीं किया।

मासूम अर्तिका ने एक समाचार एजेंसी से कहा, “मुफ्ती जी को तो सिर्फ कश्मीर नजर आता है, उन्हें जम्मू नहीं दिखता, उनसे हम क्या उम्मीद करें, हमें कोई फोन नहीं आया।”

बच्चे ही नहीं हवलदार रोशन लाल के घर के बुजुर्ग भी सरकार के रवैये से नाराज हैं। रोशन लाल के रिश्तेदार मुरारी लाल ने कहा कि यहां पर सिर्फ सियासत हो रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास सेना पर पत्थर बरसाने वाले लोगों को बसाने के लिए टाइम है लेकिन शहीद होने वाले लोगों से मिलने के लिए राज्य सरकार के पास कोई वक्त नहीं है।

मुरारी लाल ने कहा, “सिर्फ सियासत हो रही है यहां, ये पत्थर मारने वाले को नौकरी देते हैं, घर बना के देते हैं, लेकिन जो बच्चे शहीद होते हैं, उनके लिए टाइम नहीं है।”

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