
मुंबईः जगजीत सिंह भले ही हमारे बीच नहीं है. लेकिन उनकी गजलें आज भी हमारे साथ हैं. पहले प्यार की खुशबू और दिल टूटने की कसक सब गजलों के जरिए बयां किया है. आज जगजीत सिंह का 77 वां जन्मदिन है. जगजीत की गजलों ने अमिट छाप छोड़ी है.
जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को हुआ था. राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में जगजीत सिंह के बचपन का नाम जगमोहन था लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने अपना नाम बदल लिया.
हिंदी, उर्दू, पंजाबी, भोजपुरी सहित कई जबानों में गाने वाले जगजीत सिंह को साल वर्ष 1998 में, राजस्थान सरकार द्वारा साहित्य कला अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2003 में भारत सरकार के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्मभूषण से नवाजा गया है.
गजल गायिका चित्रा से साल 1969 में विवाह बंधन में बंध गए.
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जगजीत सिंह को उन कुछ चुनिंदा लोगों में से एक हैं, जिन्होंने संसद में 1857 के भारत में अंग्रेजों के खिलाफ हुए गदर की 150 वीं वर्षगांठ पर आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की गजल प्रस्तुत की थी.
संगीत की शिक्षा उन्होंने उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से हासिल की. लेकिन बेटे की मौत ने उन्हें खामोश कर दिया था.
10 अक्टूबर 2011 को जगजीत सिंह इस दुनिया को छोड़ कर चले गए.