भक्तों ने इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास प्रभु के साथ की “आनंद की खोज”

श्री श्री राधारमण बिहारी (इस्कॉन) मंदिर द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के बाद सुशांत गोल्फ सिटी शहीद पथ सुल्तानपुर रोड लखनऊ में शनिवार व रविवार को श्रीमद् भगवद्गीता सेमिनार (आनंद की ओर) का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रथम दिन शनिवार 9 अप्रैल को मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास जी ने बताया कि अधिकतर संसार में हम अपनी पहचान अपने नाम,ख्याति अपने शरीर से करते हैं लेकिन वास्तव में हम भगवान के अंश हैं।

हम जीवात्मा हैं और हम जितना भी सुख लेना चाह रहे हैं शरीर के स्तर पर लेना चाह रहे हैं,शरीर से मिलने वाला सुख क्षणिक है स्थाई सुख नहीं है,स्थाई सुख ऐसा सुख है जो निरंतर बढ़ता जाए उसे आनंद कहते हैं।आनंद को प्राप्त करने के लिए हमें जीवन को गंभीरता से लेना पड़ेगा फिर निश्चित रूप से हम आध्यात्मिक आनंद को ले सकते हैं और आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति के लिए के लिए आध्यात्मिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है।बिना आध्यात्मिक ज्ञान के कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिक जीवन को सही तरीके से नहीं अपना सकता। सामान्य तौर पर देखा जाता है कि संसार में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो आध्यात्मिक जीवन को अपनाने में वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान को गंभीरता से नहीं लेते और कोई भी ज्ञान तक फलीभूत नहीं होता जब तक वह क्रमबद्ध तरीके से न लिया जाए। हम संसार में भौतिक ज्ञान को भी देख सकते हैं कि कोई भी ज्ञान हमें क्रमबद्ध तरीके से न दिया जाए तो वह ज्ञान हमारे जीवन में प्रभाव नहीं डालता है।अतः वह ज्ञान हमारे हृदय में उतर नहीं पाता।इसी प्रकार से आध्यात्मिक जीवन को क्रमबद्ध तरीके से लेना चाहिए और इसी परंपरा में द्वि दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया,इसके बाद 64 दिनों की क्लासों का कोर्स और होगा इसमें लोगों को उचित तरीके से आध्यात्मिक दिशा दी जाएगी।

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