लखनऊ: एटीएस के हत्थे चढ़ा ISI एजेंट

ISI एजेंटलखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से एटीएस ने एक ISI एजेंट को पकड़ा है| ये शख्स पिछले पांच सालों से पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए काम कर रहा रहा था| इतना ही नहीं इन पांच सालों में इस शख्स ने देश में सवा करोड़ रुपये के जाली नोट भी चलाये हैं|

ISI एजेंट गरफ्तार

बुधवार को एटीएस टीम ने नेपाल से दिल्ली जा रहे निजामुद्दीन अंसारी को चारबाग स्टेशन से गिरफ्तार किया है| उसके पास सात लाख रुपये के जाली नोट भी बरामद हुए हैं। बाद में हुई पूछताछ में उसने सवा करोड़ के जाली नोट देश में चलाने की बात कुबूल की है|

आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया, ‘एजेंट निजामुद्दीन बिहार के पूर्वी चंपारण के आदापुर निवासी है। साल 1989 में एलएनडी कॉलेज-मोतिहारी से बीए ऑनर्स करने के बाद उसने मुंबई, दिल्ली और नेपाल में नौकरी की। फिर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाए और बाद में जाली नोटों की सप्लाई करने लगा’।

उन्होनें बताया, ‘निजामुद्दीन 42% मार्जिन पर जाली नोट लाता था और चारबाग में दर्ज एक मुकदमे में वांछित भी था’।

एटीएस के अनुसार, ‘नेपाल के रास्ते जाली नोटों की तस्करी के तीन सबसे बड़े लिंक मो. इमरान उर्फ तेली, शेख जावेद इकबाल और महबूब अली की गिरफ्तारी के बाद ISI ने कई एजेंटों को सप्लाई का जरिया बना लिया है। निजामुद्दीन भी इन्हीं में से एक है’|

पूछताछ में निजामुद्दीन ने बताया कि साल 2009 में दिल्ली में वह मनोज गुप्ता नाम के एक आदमी से मिला था| फिर 2010 में उसने मनोज गुप्ता को पहली बार 50,000 रुपये के जाली नोट सप्लाई किए। तब से ये सिलसिला लगातार चल रहा है|

निजामुद्दीन ने बताया है कि हाल ही में उसने करीब 15 लाख रुपये के जाली नोट मनोज गुप्ता को सप्लाई किए हैं। ये नोट 42 प्रतिशत के मार्जिन पर मिलते हैं| उसने खुलासा किया कि साल 2011 से अब तक एक करोड़ दस लाख के जाली सप्लाई कर चुका है|

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