क्या मानसरोवर यात्रा के लिए सच में जाग उठी राहुल की आस्था या खेल रहें हैं ‘हिन्दू कार्ड’
नई दिल्ली| राजनीति में लोगों के पल पल बदलते ईमान को देखकर ये सोच पाना अब बहुत मुश्किल हो गया है कि कोई नेता जो काम कर रहा है वो सच है या दिखावा। अब अगर बात करें कांग्रेस अध्यक्ष की तो उनके बारे में भी ये बता पाना बहुत मुश्किल है कि वो कब क्या कर बैठें। शायद इन्हीं वजहों से कोई उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। हाल ही में राहुल गांधी ने बयान जारी किया था कि वो कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जायेंगे और कई मौकों पर खुद को ‘शिवभक्त’ बता चुके हैं। राहुल गांधी ने वादा किया था कि कर्नाटक चुनाव के बाद कैलाश जाएंगे। लेकिन अब जाकर राहुल को भोले बाबा का बुलावा आया है।
अभी राहुल गांधी केरल के बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे। वहां से लौटने के बाद आज राहुल गांधी कैलाश के लिए रवाना होंगे। खास बात ये है कि राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा नेपाल नहीं बल्कि चीन के रास्ते करेंगे।
दरअसल, कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी के विमान के साथ कुछ हादसा हुआ था। उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी थी। कर्नाटक चुनाव के दौरान ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से कुछ दिन की छुट्टी भी मांगी थी।
राहुल ने कहा था कि प्रचार के दौरान उनका जहाज अचानक कई हज़ार फिट नीचे आ गया था, तब उन्हें भगवान शिव याद आए और उन्होंने कैलाश मानसरोवर जाने की ठान ली।
बता दें कि गुजरात चुनाव के दौरान राहुल खुद को जनेऊधारी हिंदू, शिवभक्त बता चुके हैं। राहुल रुद्राक्ष की माला भी पहनते हैं, जो गुजरात मे प्रचार के आख़िरी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में नज़र भी आई थी।
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अप्रैल में दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की ‘जन-आक्रोश रैली’ राहुल गांधी ने कहा था, ‘मैं दो-तीन दिन पहले कर्नाटक जा रहा था, मैं प्लेन में सवार था। प्लेन अचानक 8 हजार फीट नीचे आ गया। मैं अंदर से हिल गया और लगा कि अब गाड़ी गई। तभी मुझे कैलाश मानसरोवर याद आया। अब मैं आपसे 10 से 15 दिन के लिए छुट्टी चाहता हूं ताकि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा सकूं।’