इरफान ने लिखा खत, एक-एक अल्‍फाज में छलका दर्द  

मुंबई। नाम, दौलत, शोहरत सबकुछ तब बेमतलब लगने लगता है, जब जिंदगी की नाव समंदर के बीचों-बीच रुक सी जाती है। सोचने समझने की सारी शक्ति कहीं खो जाती है। समझ ही नहीं आता कि आगे क्‍या होगा। अचानक से उस समंदर के ऐसा तूफान आ जाता है, जिसका अंदेशा भी नहीं रहा होता है। ऐसा कुछ अनुभव बीते कुछ महीनों से बॉलीवुड एक्‍टर इरफान खान का रहा।

इरफान खान

मार्च के महीने में इरफान खान के कुछ ट्वीट ने उनके हर एक चाहनेवाले के पैरों तले जमीन खिसका दी थी। इरफान ने सोशल मीडिया पर अपनी बीमारी का खुलासा किया था। उन्‍होंने बताया कि वह न्‍यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं।

16 मार्च की वो दोपहर उनके फैंस के लिए बहुत भारी साबित हुई। फैंस को समझ ही नहीं आ रहा था कि अचानक से इरफान ने उन्‍हें क्‍या बता दिया। ये खबर सुनकर जब फैंस के हाथ पैर ढीले हो गए तो सोचने वाली बात है कि भला खुद उस बीमारी से जूझ रहे इरफान को कैसा लगा होगा।

हाल ही में टाइम्‍स ऑफ इंडिया को एक लंबा चौड़ा खत लिखकर इरफान खान ने अपने दर्द को अपने ही अल्‍फाजों में खुद जाहिर किया है। अपने इस खत के लिंक को उन्‍होंने ट्विटर हैंडल पर शेयर भी किया है।

उन्‍होंने लिखा, ‘एक वक्त गुजर चुका है, जब पता चला था कि मैं हाई-ग्रेड न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से जूझ रहा हूं। मेरी डिक्शनरी में ये एक नया नाम है, जिसके बारे में मुझे बताया गया कि ये एक असाधारण बीमारी है। इस बीमारी के मामले कम सामने आते है, इसीलिए ट्रीटमेंट में अनिश्चितता की आशंका ज्यादा थी। मैं अब एक प्रयोग का हिस्सा बन चुका था।’

उन्‍होंने आगे लिखा, ‘मैं एक तेज ट्रेन राइड का लुत्फ उठा रहा था, जहां मेरे सपने थे, प्लान्स थे, महत्वाकांक्षाएं थीं, लक्ष्य और उद्देश्य था, इन सब में पूरी तरह से बिजी था, तभी पता चला कि मैं एक अलग गेम में फंस चुका हूं। अचानक किसी ने मेरे कंधे पर थपथपाया। मैंने मुड़कर देखा तो वह टीसी था। उसने कहा कि आपकी मंजिल आ गई है, कृप्या उतर जाइए। मैं हैरान सा था और सोच रहा था कि मेरी मंजिल तो अभी नहीं आई है। फिर वह बोला कि नहीं, यही है। जिंदगी कभी-कभी ऐसी ही होती है।’

इरफन के इस खत के एक-एक दिल को छू जाते हैं। उनका ये खत पढ़ते ही खुद ब खुद आंखें छलक आती हैं। इरफन का दर्द-ए-बयां यहीं नहीं रुका। उन्‍होंने आगे भी लिखा, ‘ इस चीज ने मुझे अहसास कराया कि आप समंदर की तेज लहरों में तैरते हुए एक छोटे-से कॉर्क की तरह हैं। आप इसे कंट्रोल करने के लिए बैचेन रहते हैं। मैं इस उथल-पुथल में अपने बेटे से कह रहा था कि सिर्फ एक ही चीज, जो मुझे अपने आप से चाहिए। मुझे मजबूत रहकर पैरों पर खड़े रहने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं किया तो डर और घबराहट मुझ पर हावी हो जाएगा और मेरी जिंदगी तकलीफदेह हो जाएगी।’

उन्‍होंने लिखा, ‘जैसे ही मैं हॉस्पिटल के अंदर जा रहा था, मैं खत्म हो रहा था। कमजोर पड़ रहा था। मुझे इसका अहसास तक नहीं था कि मेरे हॉस्पिटल के ठीक सामने लॉर्ड्स स्टेडियम है। इस दर्द के बीच मैंने विवियन रिचर्ड्स का पोस्ट देखा। कुछ भी महसूस नहीं हुआ, क्योंकि अब मैं इस दुनिया से साफ अलग था।’

इसके बाद उन्‍होंने लिखा, ‘हॉस्पिटल में मेरे ठीक ऊपर कोमा वार्ड था। एक बार हॉस्पिटल रूम की बालकनी में खड़ा था और अजीब स्थिति ने मुझे झकझोर दिया। जिंदगी और मौत के बीच बस एक सड़क है, जिसके एक तरफ हॉस्पिटल है और दूसरी तरफ स्टेडियम। दोनों ही किसी निश्चित नतीजे का दावा नहीं कर सकते हैं।’

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इरफान ने किसी भी हाल में हार नहीं मानी। उन्‍होंने लिखा, ‘दुनिया में सिर्फ एक चीज ही निश्चित है और वह है अनिश्चितता। मुझे नहीं पता कि अब 8 महीने, 4 महीने या दो साल बाद जिंदगी मुझे कहां ले जाएगी। मुझे अब किसी चीज के लिए चिंता नहीं है। मैंने पहली बार जिंदगी का स्वाद चखा है। दुनियाभर में लोगों ने मेरा भला चाहा। मेरे लिए प्रार्थना की। मुझे लगा कि सभी दुआएं एक बन गईं। इन दुआओं से मेरे अंदर बहुत खुशी और उत्सुकता आ गई। वास्तव में आप जिंदगी को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। आप प्रकृति के पालने में झूल रहे हैं।’

इरफान के फेंस रात दिन उनके लिए दुआएं कर रहे हैं। कुछ समय पहले उनके दोस्‍त शूजित सरकार ने जानकारी दी थी कि इरफान की तबियत में सुधार आ रहा है। शूजित ने बताया था कि इरफान एक बायोपिक से कमबैक करने वाले हैं। वह उधम सिंह की बायोपिक में लीड रोल में नजर आएंगे।

इसके अलावा बता दें, इरफान की अपकमिंग फिलम कारवां 10 अगस्‍त को रिलीज होने वाली है।

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