नई दिल्ली। भारत में क्रिकेट को लेकर लोग यूं तो लोग बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन फिर भी क्रिकेट के इतिहास से बहुत कम लोग वाकिफ हैं। प्रकृति की तरह क्रिकेट भी बदलाव के दौर से गुजरता रहता है। इस खेल के नियम बनते और आते रहते हैं। जैसे कि एक ओवर में कितनी गेंदें फेंकी जानी चाहिए?
क्रिकेट में शौकीनों को शायद ही मालूम हो कि आज मैच के एक ओवर में 6 बॉल डाली जाती हैं लेकिन ऐसा पहले नहीं हुआ करता था।
क्रिकेट में 1889 तक एक ओवर में चार गेंदें ही फेंकी जाया करती थीं लेकिन 1889 से क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव किए गए और एक ओवर में गेंदों की संख्या 4 से बढ़ाकर 5 पांच कर दी गई। सन् 1900 तक एक ओवर में 6 बॉल डाली जाने का नियम इजाद हुआ जो आज भी चल रहा है।
यह नियम क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में चलता है, चाहे टेस्ट हो या टी-20। लेकिन आईपीएल के इस सीजन के खेले गए 9 अप्रैल के राजस्थान रॉयल्स और सनराइज़र्स हैदराबाद के बीच हुए मैच में ऐसा ही एक नज़ारा देखने को मिला जो चौंकाने वाला था।
दूसरी इनिंग सनराइजर्स को खेलनी थी। इसी पारी में एक ओवर 7 गेंदों का फेंका गया। अंपायर से गिनती में भूल हुई, हो भी सकती है, इंसान जो है। लेकिन यह भूल न तो कैमरे पकड़ पाए न ही कोई और भी।
हैदराबाद ने राजस्थान को सस्ते में समेटते हुए खुद के लिए 126 का टारगेट सेट कर लिया। पारी का 12वां ओवर बेन लाफलिन बॉलिंग कर रहे थे। ओवर की आखिरी गेंद पर शिखर धवन ने चौका मारा। यहीं ओवर ख़त्म होना चाहिए था लेकिन हुआ नहीं।
एक और गेंद फेंकी गई। बॉलर तो भूला ही, अंपायर भी पता नहीं किस सोच में डूबे थे। सातवीं गेंद पर शिखर धवन ने एक रन लेकर स्ट्राइक अपने पास रखी।