IPhone हो या Android, Pegasus से 300 लोगों का मोबाइल हुआ हैक!
रविवार रात को एक अंतराष्ट्रीय मीडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमे दावा किया है की इज़राइल सॉफ्टवेयर Pegasus द्वारा भारत में कई पत्रकारों, नेताओं, बिज़नेसमैन और अन्य सार्वजानिक जीवन से जुड़े हुए लोगों का मोबाइल फ़ोन हैक किया हैं। दावा है करीब 300 लोगों का फ़ोन लिस्ट में शामिल है। कंपनी ने इलज़ाम लगते हुए कहा कि ये सरकार द्वारा करवाया गया, लेकिन केंद्र सरकार ने इन आरोपों को नकार दिया है।
ये रिपोर्ट वाशिंगटन पोस्ट समेत दुनिया की करीब 16 मीडिया कंपनी द्वारा पब्लिश किया गया हैं। दावा किया गया हैं कि साल 2018 से 2019 के बीच भारत के करीब 40 पत्रकारों के फ़ोन अलग अलग मौकों पर हैक करने की कोशिश की गई हैं। इस दौरान व्हाट्सएप कॉल, फोन कॉल, रिकॉर्डिंग, लोकेशन समेत अन्य कई जानकारियां ली गई। बता दे इस रिपोर्ट में अलग-अलग कड़ियां पेश की जाएंगी और आने वाली कड़ियों में नेताओं, मंत्रियों और अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के नाम हो सकते हैं। साथ ही कंपनी ने इलज़ाम लगते हुए कहा कि ये सरकार द्वारा करवाया गया, लेकिन केंद्र सरकार ने इन आरोपों को नकार दिया है।
आरोपों पर केंद्र सरकार ने सफाई देते हुए जवाब दिया कि भारत सरकार ने फोन हैकिंग के आरोपों और इससे जुड़ी रिपोर्ट को खारिज किया गया, साथ ही इस रिपोर्ट को भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल करने की कोशिश बताया गया। भारत सरकार ने अपने बयान में लिखा, ‘भारत जैसे लोकतंत्र में प्राइवेसी एक मौलिक अधिकार है। ऐसे में जो रिपोर्ट सामने आई है वह पूरी तरह से गलत है, रिपोर्ट को अपने अनुसार तैयार किया गया जिसमें जांचकर्ता-ज्यूरी सब वह खुद ही हैं। सरकार ने संसद में भी इस बारे में सफाई दी है कि ऐसी किसी भी तरह की गतिविधि में भारत सरकार संलिप्त नहीं है।’
रिपोर्ट के सामने आने के बाद NSO ग्रुप ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो आरोप लगाए गए हैं और जिन मुद्दों की बात की गई है, वह पूरी तरह से गलत है। NSO ग्रुप ने कहा कि वह इस रिपोर्ट को छापने वालों के खिलाफ मानहानि का केस दायर करने की तैयारी में हैं। क्योंकि जिन सूत्रों के आधार पर ये रिपोर्ट छापी गई है, ऐसा लगता है कि उन्होंने पूरी तरह से मनगढ़ंत जानकारी सौंप दी है। साथ ही कंपनी का कहना है कि वह सिर्फ चिन्हित देशों की कानूनी एजेंसियों के ये सुविधा उपलब्ध करवाती है, जिसका मकसद किसी की जान बचाना होता है।
क्या है पेगासस?
पेगासस एक जासूसी स्पाइवेयर है, जिसे इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी NSO ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है। इसका दूसरा नाम क्यू-सुईट भी है। इससे उन फोन और डिवाइस को भी हैक किया जा सकता है जिसे लेकर कंपनियां हैकप्रूफ होने का दावा करती हैं। माना जाता है कि अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस का व्हाट्सएप भी इसी सॉफ्टवेयर से हैक हुआ था।
क्यों खतरनाक
पेगासस सॉफ्टवेयर को जासूसी के क्षेत्र में अचूक माना जाता है। तकनीक जानकारों का दावा है कि इससे व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एप भी सुरक्षित नहीं। क्योंकि यह फोन में मौजूद एंड टू एंड एंक्रिप्टेड चैट को भी पढ़ सकता है। किसी फोन में सिर्फ मिस कॉल के जरिए इसे इंस्टॉल किया जा सकता है। इसे यूजर की इजाजत और जानकारी के बिना भी फोन में डाला जा सकता है। एक बार फोन में पहुंच जाने के बाद इसे हटाना आसान नहीं होता।
कैसे काम करता है
ये एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसे अगर किसी स्मार्टफ़ोन फ़ोन में डाल दिया जाए, तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफ़ोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मैसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है।
स्पाईवेयर फ़ोन में कैसे घुसता है?
Whatsapp पर वीडियो कॉल आती है। एक बार फ़ोन की घंटी बजते ही हमलावर हानिकारक कोड भेज देता है। ये स्पाईवेयर फ़ोन में इंस्टॉल हो जाता है और ऑपरेटिंग सिस्टम पर कब्ज़ा कर लेता है। कब्ज़ा होते ही मैसेज, कॉल, पासवर्ड, माइक्रोफ़ोन और कैमरा तक स्पाईवेयर की पहुंच हो जाती हैं।
कितना असरदार
दावा है कि पेगासस आईफोन हो या एंड्रॉयड दोनों की जासूसी कर सकता है। साथ ही आपको एन्क्रिप्टेड ऑडियो सुनने और एन्क्रिप्टेड चैट को पढ़ने लायक बना देता है। पेगासस के इस्तेमाल से हैक करने वाले को उस व्यक्ति के फ़ोन से जुड़ी सारी जानकारियां मिल सकती हैं।