IOA ने खेल मंत्रालय पर लगाया कामकाज में दखल देने का आरोप, किरेन रिजिजू ने दिया जवाब…

कोरोना महामारी के बीच खेल की दुनिया से एक विवाद सामने आया है. यह विवाद इतना आगे बढ़ गया कि खुद खेल मंत्री को इसे सुलझाने के लिए बीच में आना पड़ा.  राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के कामकाज में मंत्रालय के दखल की आईओए की शिकायत के बाद तनाव कम करने की कवायद में खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संस्थागत तालमेल के रास्ते में व्यक्तियों का अवांछित आचरण बाधा नहीं बनना चाहिए।

kiren rijuju

रिजिजू ने कहा कि आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने मीडिया रिपोर्ट उनकी जानकारी में लाई है जिसमें कुछ एनएसएफ ने चिंता जताई है कि मंत्रालय और साई उनके कामकाज पर नियंत्रण की कोशिश कर रहे हैं।

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रिजिजू ने कहा कि सभी संबंधित पक्षों के बीच नियमित मशविरा और चर्चा जरूरी है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में आपसी तालमेल और यह भावना बाधित नहीं होना चाहिए। खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया ने एनएसएफ के आरोपों पर कहा था कि दखल के आरोप लगाने से पहले उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं छोड़ देनी चाहिए।

रिजिजू ने कहा, ‘किसी खास हालात में किसी व्यक्ति द्वारा दिया गया बयान नीतिगत मसला नहीं मानना चाहिए। हम भारत को खेल महाशक्ति बनाने के लिए मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं।’

इस मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब बत्रा ने साइ की टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के सीईओ राजेश राजागोपालन पर महासंघों के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया। रिजिजू ने हालांकि कहा कि सरकार का राष्ट्रीय खेल महासंघों के कामकाज में दखल देने का कोई इरादा नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय खेल महासंघों की कामकाज की स्वायत्ता हर हालत में बरकरार रखनी होगी। महासंघों में राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन और अच्छा प्रशासन उसके कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आधारशिला हैं। सरकार का काम महासंघों को खेल के प्रचार और प्रसार के लिए जरूरी सहयोग देना और यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ियों के हितों पर आंच नहीं आए।’

रिजिजू ने कहा कि आईओए, मंत्रालय और राष्ट्रीय खेल महासंघों का साझा लक्ष्य देश में खेलों के ढांचे को बेहतर बनाकर भारत को खेल महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पक्षों को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए और इसके लिए सबके बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘खेल मंत्रालय, आईओए और एनएसएफ देश में खेलों के समग्र ढांचे को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें फोकस प्रतिभाओं को जमीनी स्तर पर तलाशने और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देने पर फोकस रहना चाहिए।’

 

 

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