जगदम्बिका पाल ने वक्फ बिल के विरोध पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आलोचना की..
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विरोध पर तीखा हमला हमला किया है।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विरोध पर तीखा हमला हमला किया है। जगदंबिका पाल वक्फ बोर्ड की संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं , जगदंबिका पाल ने कहा कि विरोध केवल और केवल सिर्फ राजनीति के लिए है और अधिनियम जिसको अभी तक पेश भी नहीं किया गया है। जगदंबिका पाल ने कहा कि एक रिपोर्ट अभी सिर्फ प्रस्तुत की गई है और संशोधन विधेयक अभी लाया गया है। प्रदर्शनकारियों को इसे समझना चाहिए की अधिनियम अभी तक पारित नहीं हुआ है , अधिनियम पारित होने के बाद ही कुछ कहना चाहिए।
जगदंबिका पालने यह भी सवाल उठाया कि AIMPLB , AIMIM और जमीयत उलेमा-ए-हिंद किस आधार पर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए हैं। जगदंबिका पाल ने कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक विरोध है। अधिनियम को अभी तक पेश भी नहीं किया गया है। हमने केवल अपनी 428 पन्नों की एक रिपोर्ट मात्र ही प्रस्तुत की है… संशोधन विधेयक लाया गया है। उन्हें विधेयक पारित होने के बाद ही कुछ कहना चाहिए… AIMPLB , जमीयत उलेमा-ए-हिंद, AIMIM या विपक्षी नेता किस आधार पर जंतर-मंतर पर एकत्र हुए हैं?…” इसके अलावा, जगदंबिका पाल ने कहा कि अधिनियम में DM के पास कोई अधिकार नहीं होगा और उनके ऊपर के अधिकारी केवल तभी मामले को देखेंगे जब कोई विवाद उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि वक्फ के लोग खुद अपनी जमीन बेचना चाहते हैं और इस कानून से गरीबों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा, “डीएम को अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं… अगर वक्फ की संपत्ति को लेकर कोई विवाद होगा , तो डीएम से ऊपर का कोई अधिकारी, जैसे राज्य सचिव या आयुक्त, इसे देखेगा… कानून में सुधार किया जा रहा है… वे देश को गुमराह कर रहे हैं… कोई भी वक्फ की जमीन नहीं छीनने वाला है। अगर कोई वक्फ की जमीन बेच रहा है , तो वह वक्फ के ही लोग ही हैं… संशोधन से वक्फ की जमीन की बिक्री पर रोक लगेगी और इससे गरीबों को ही फायदा होगा…” इससे पहले, एआईएमपीएलबी ने नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया और इसका नेतृत्व सदस्य सैयद कासिम रसूल इलियास ने किया। उन्होंने कहा कि यह एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन है और प्रशासन को इसमें उनका सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को डरना नहीं चाहिए और अपने लोगों की आवाज सुननी चाहिए। “यूपी और हरियाणा के कई जिलों से लोग आ रहे थे, लेकिन अब हमें सूचना मिली है कि उनकी बसों को रोका जा रहा है। हमारा मानना है कि यह बहुत ही शांतिपूर्ण विरोध है और प्रशासन को इसमें हमारा साथ देना चाहिए।