पार्टी और बीच के साथ धर्म का है संगम, घर-घर में विराजते हैं गणपति बप्पा

थाईलैंडथाईलैंड और भारत का रिश्ता सालों पुराना है. यहां मिले मंदिरों के अवशेष यह दास्तां बयां करते हैं. थाईलैंड पार्टी और बीच के साथ फेमस टूरिस्ट प्लेस है. ऐसे में अगर आप यहां घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस देश की इन दिलचस्प बातों को जरूर जानें.

थाईलैंड का मतलब फ्री लैंड होता है. थाईलैंड को पहले श्याम देश के नाम से जाना जाता था. थाईलैंड के लोग कभी किसी के अधीन नहीं रहे, कुछ लोगों को छोड़कर. यहां जो लोग आए, यहीं के होकर रह गए.

थाईलैंड में रामायण का पाठ होता है, वहां रामायण को रामाकिन नाम से जाना जाता है, जो थाई भाषा में है और उसे महाग्रंथ का दर्जा मिला है.

यहां मौसम हमेशा अच्‍छा रहता है. पूरी दुनिया में पाए जाने वाले जानवरों की प्रजातियों का दसवां हिस्सा थाईलैंड में पाया जाता है. यहीं सफेद हाथी मिलते हैं, जो दुनिया में कहीं नहीं मिलते.

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थाई लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले और आम तौर पर शांत स्वभाव के माने जाते हैं. थाईलैंड की 95 फीसदी आबादी बौद्ध धर्म को मानती है.

थाईलैंड का हर कोना दर्शनीय है, लेकिन फुकेट के कहने ही क्या. फुकेट में घूमने और मस्ती लायक कई जगहे हैं. फुकेट आए हैं, तो यहां से फी फी द्वीपों की यात्रा करना न भूलें. यहां से फी फी द्वीप जाने के लिए स्पीड बोट से कुल 9 घंटे का समय लगता है. फी फी द्वीपसमूह में कुल 6 द्वीप आते हैं. जहां के नजारे बेहतरीन हैं.

थाईलैंड में धार्मिक आस्था ज्यादा नजर आती है. घरों और दुकानों के सामने छोटे-छोटे मंदिर दिखते हैं. बुद्ध की प्रतिमा वाले छोटे-छोटे मंदिर होते हैं. पूजा परंपरा भारतीय परंपरा से मिलती-जुलती है.

भगवान बुद्ध के अनुयायी वाले देश में हिन्दू मंदिर भी काफी हैं. वहीं गणेश जी, शंकर-पार्वती और गरूड़ की प्रतिमाएं घरों और होटलों में दिखती हैं.

भगवान की प्रतिमा के सामने दीये की जगह मोमबत्ती जलाने का चलन है. धर्म के प्रति आस्था के चलते यहां दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करने की परंपरा है.

दुकानों में सामान की खरीदी के बाद दुकानदार ग्राहक को दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं. थाई में सुबह-सुबह अभिनंदन के लिए महिलाएं सबातीखा और पुरुष सबातीक्राप शब्द का इस्तेमाल करते हैं.

 

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