समंदर में तैरता किला INS Vikrant, पीएएम मोदी ने बताईं नेवी के ‘बाहुबली’ की 10 खासियतें

देश का पहला स्‍वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर ‘आईएनएस विक्रांत’ आज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गया। पीएएम मोदी ने केरल के कोच्चि (Kochi) में एक भव्य समारोह में आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना शामिल किया। इस विहानवाहक पोत का वजन करीब 45 हजार टन है और इसे बनाने में तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपये की लागत आई है।

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज कोच्चि में स्वदेश निर्मित पहला विमानवाहक पोत और भारत के समुद्री इतिहास का सबसे बड़ा जहाज है। आईएनएस विक्रांत (आईएनएस विक्रांत) को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इससे पहले, प्रधान मंत्री मोदी ने नौसेना के नए प्रतीक का अनावरण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईएनएस विक्रांत भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।

  • आज का दिन भारतीय नौसेना के इतिहास में दो तरह से एक विशेष दिन है क्योंकि आज नौसेना के नए प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया गया। स्वदेश निर्मित दूसरे विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया गया। आइए एक नजर डालते हैं आज के ऐतिहासिक दिन से जुड़ी 10 बड़ी बातों पर
  • पीएम मोदी ने कहा कि एक युद्धपोत (आईएनएस विक्रांत) के बजाय, यह एक तैरता हुआ हवाई अड्डा है, यह एक तैरता हुआ शहर है। इससे जितनी बिजली पैदा होती है, उससे 5,000 घरों में रोशनी हो सकती है। इसका उड़ने वाला डेक दो फुटबॉल मैदानों से भी बड़ा है। इसमें इस्तेमाल होने वाले सभी तार कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “लक्ष्य कितना भी कठिन हो, कितनी भी बड़ी चुनौती क्यों न हो, भारत ठान ले तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।”
    पीएम मोदी ने कहा कि केवल विकसित देश ही ऐसे एयरक्राफ्ट कैरियर बनाते हैं।
  • आज भारत ने इस लीग में शामिल होकर एक विकसित राष्ट्र की ओर एक और कदम बढ़ाया है।उन्होंने कहा, “विक्रांत एक विशाल, विशाल पैनोरमा है। विक्रांत भी खास, विक्रांत भी खास। विक्रांत सिर्फ एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने आईएनएस विक्रांत को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी को समर्पित किया। उन्होंने कहा, ”आज 2 सितंबर 2022 की ऐतिहासिक तारीख को एक और इतिहास बदलने वाली घटना घटी है, आज भारत ने अपने सीने से गुलामी का निशान, गुलामी का बोझ हटा दिया है। भारतीय नौसेना को आज से नया झंडा मिल गया है। इसे छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित एक नए झंडे से बदल दिया गया है।
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन में भारतीय नौसेना को देश का पहला स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत समर्पित किया।
    इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने आज कोचीन में नौसेना के नए प्रतीक चिन्ह का भी अनावरण किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1971 के युद्ध में महान भूमिका निभाने वाले विक्रांत का यह नया अवतार ‘अमृत-काल’ की उपलब्धि से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि है। ‘अमृतकल’ की शुरुआत में आईएनएस विक्रांत का चालू होना अगले 25 वर्षों में राष्ट्र की रक्षा करने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। आईएनएस विक्रांत आकांक्षा और आत्मनिर्भर भारत का जबरदस्त प्रतीक है।
  • रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि हम एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास करते हैं। इस संबंध में हमारे प्रयास इस क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के महासागरों के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण से निर्देशित हैं।
  • आईएनएस विक्रांत, भारत के समुद्री इतिहास का सबसे बड़ा जहाज और एक स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत है, जिसे 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह युद्धपोत अत्याधुनिक स्वचालित मशीनरी से भी लैस है।
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