‘ZIKA VIRUS’ से अब तक 22 लोगों में संक्रमण, जानिए लक्षण और बचाव का तरीका

जयपुर। राजस्थान के जयपुर में खतरनाक “वायरस जीका” ने 22 लोगों को अपने कब्जे में लेने की बात की पुष्टि हो गई है। जयपुर में यह वायरस तेजी से अपना घर बसा रहा है। इसके वायरस के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने कई जिलों में अलर्ट भी जारी कर दिया है। इस बीमारी के चपेट में एक बिहार का व्यक्ति भी आया है वह हाल में ही अपने घर सीवान गया था। बिहार सरकार ने भी सावधानी बरतते हुए सभी 38 जिलों को अलर्ट जारी किया है। ऐसे लोगों को निगरानी में रखने की बात कही गई है।

ZIKA VIRUS

इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय भी सक्रिय हो गया है। पीएमओ ने राजस्थान सरकार ने जयपुर में जीका वायरस के प्रसार पर व्यापक रिपोर्ट मांगी है। हेल्थ मिनिस्ट्री इस मामले को लेकर पूरी सावधानी बरत रहा है। जयपुर के कुछ इलाकों में मच्छरों के नमूनों की जांच की जा रही है। विषाणु शोध एवं रोग पहचान प्रयोगशालाओं को अलग से जांच किट भी दी गई हैं। इसके साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं की निगरानी की जा रही है।

क्या है जीका?

जीका एक किस्म का वायरल इंफेक्शन है, जिससे बुखार, रैश, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली आदि होते हैं। यह मुख्य तौर पर एडिस मच्छर की वजह से फैलता है और गर्भवती मां के जरिए कोख में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है।

जीका एक ऐसी बीमारी है जो नवजात में खासा देखी जा रही है। जीका वायरस से संक्रमित बच्चों के सिर और साइज अपेक्षा से छोटे हैं। इस तरह के असामान्य लकवाग्रस्त हालत को गूलियन बॅरे सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।

जीका वायरस के संक्रमण से मस्तिष्क संबंधी कई जटिलताएं हो सकती हैं और उन संवेदी तंत्रिकाओं को भी नुकसान पहुंच सकता है जो तापमान, दर्द, कंपन और छुअन को त्वचा से महसूस करती है।

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यौन संबंधों के जरिए संक्रमण

अगर गर्भावस्था के दौरान यह लायरस आपके शरीर में पहुंच जाए तो यह आपके बच्चे के लिए भी काफी हानिकारक होगा।

जीका मच्छर काटने के अलावा संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध स्थापित करने से भी होता है। ओरल सेक्स और अप्राकृतिक सेक्स के साथ सामान्य यौन संबंधों के जरिए भी जीका का संक्रमण हो सकता है।

जो व्यक्ति इस स्थानों के वापस आ रहे हैं तो उन्हें संबंध बनाने में सावधानी रखनी चाहिए।

ऐसे में गर्भधारण की योजना बना रहे जोड़ों को आठ सप्ताह के लिए रुक जाना चाहिए।

अगर पुरुष में इसके लक्षण नजर आएं तो छह महीने के लिए रुक जाना चाहिए।

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बचाव

जीका वायरस से बचने के लिए एडिस की सक्रियता के समय घर के अंदर ही रहना चाहिए।

यह दिन के वक्त सूरज के चढ़ने से पहले या छिपने के बाद सुबह जल्दी या शाम को काटते हैं।

अच्छी तरह से बंद इमारतें इस से बचने के लिए सबसे सुरक्षित जगहें हैं।

बाहर जाते हुए जूते, पूरी बाजू के कपड़े और लंबी पैंट पहने।

डीट या पीकारिडिन वाले बग्ग स्प्रे या क्रीम लगाएं।

दो महीने से छोटे बच्चों पर डीट वाले पदार्थ का प्रयोग न करें।

कपड़ों पर पर्मिथ्रीन वाले कीट रोधक का प्रयोग करें।

रुके हुए पानी को निकाल दें।

अगर आप को पहले से जीका है तो खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं, ताकि यह और न फैल सके।

 

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