संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का पाकिस्तान पर करारा प्रहार: महिलाओं की सुरक्षा पर बहस में उजागर किया दोहरा चरित्र, 1971 के नरसंहार का जिक्र कर किया बेनकाब

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ‘महिला, शांति और सुरक्षा’ पर खुली बहस में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को धराशायी कर दिया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्थानेनी हरीश ने सोमवार (6 अक्टूबर 2025) को भारत की महिलाओं के सशक्तिकरण और शांति स्थापना में अग्रणी भूमिका को रेखांकित करते हुए पाकिस्तान के ‘भ्रामक आलोचना’ को आड़े हाथों लिया।

उन्होंने पाकिस्तान को ‘अपने ही लोगों पर बमबारी करने वाला’ और ‘व्यवस्थित नरसंहार’ करने वाला देश बताते हुए उसके दोहरे चरित्र को बेनकाब किया। यह बहस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई थी, जो महिलाओं की शांति प्रक्रियाओं में भागीदारी पर केंद्रित है।

भारत का अग्रणी रिकॉर्ड: किरण बेदी से लेकर वैश्विक योगदान तक

हरीश ने भारत के महिला शांति सैनिकों के योगदान को प्रमुखता से उजागर किया। उन्होंने कहा, “महिला शांति सैनिक ‘शांति की दूत’ हैं।” विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के शब्दों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि भारत ने 1960 के दशक में कांगो में महिला चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया था। विशेष रूप से, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की पहली महिला अधिकारी डॉ. किरण बेदी का उल्लेख किया, जिन्हें 2003 में संयुक्त राष्ट्र पुलिस प्रभाग की पहली महिला सलाहकार और प्रमुख नियुक्त किया गया था। हरीश ने कहा, “हमारा महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडे पर अग्रणी रिकॉर्ड बेदाग और अक्षुण्ण है।” फरवरी 2025 में नई दिल्ली में आयोजित ‘महिला शांति सैनिकों पर वैश्विक दक्षिण सम्मेलन’ का भी जिक्र किया, जो भारत की प्रतिबद्धता दर्शाता है।

पाकिस्तान का दोहरा चरित्र: कश्मीर पर ‘भ्रामक आलोचना’ का जवाब

पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बहस में कश्मीरी महिलाओं पर ‘दशकों से यौन हिंसा’ का आरोप लगाया, जिसका हरीश ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हर साल हमें पाकिस्तान की भ्रामक आलोचना सुननी पड़ती है, खासकर जम्मू-कश्मीर पर, जो भारतीय क्षेत्र है और जिस पर उनका लालच है।” हरीश ने पाकिस्तान को ‘दुनिया को भ्रमित करने और अतिशयोक्ति’ का दोषी ठहराया।

उन्होंने 1971 के ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ का जिक्र किया, जब पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 4 लाख महिलाओं पर ‘व्यवस्थित नरसंहार और सामूहिक बलात्कार’ किया था। “एक ऐसा देश जो अपने ही लोगों पर बमबारी करता है और व्यवस्थित नरसंहार करता है, वह केवल दुनिया को भटकाने की कोशिश कर सकता है।”

हरीश ने पाकिस्तान के धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघनों को भी उजागर किया।

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