तोड़ा 100 साल पुराना पुल और फिर बनाया भी, सिर्फ 7 घंटे में हुआ सब

रेलवे का पुलनई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने एक नया इतिहास दर्ज किया है। दरअसल यूपी के नजीबाबाद-मुरादाबाद के बीच बुंदकी के पास करीब 100 साल पुराना रेलवे का पुल जर्जर हो चुका था। इसे बनाकर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने काबिल-ए-तारीफ काम किया है।

रेलवे की टीम ने सात घंटे में पुराने पुल को तोड़कर उसकी जगह तीन जनवरी को नया पुल बनाया। नए पुल से सबसे पहले देहरादून से इलाहाबाद जाने वाली लिंक एक्सप्रेस सफलतापूर्वक गुजरी। पहले बुंदकी स्टेशन के नज़दीक डाउन लाइन पर बने पुराने पुल पर गुजरने के दौरान ट्रेनों की गति बहुत धीमी रखी जाती थी।

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बता दें कि नया पुल बनाने का कारनामा रेलवे के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर पारितोष गौतम और उनकी टीम ने किया। पारितोष अपनी टीम के साथ 3 जनवरी को सुबह 9.35 बजे साइट पर पहुंचे। 1.24 बजे तक पुल को तोड़कर उसका मलबा हटा लिया गया। 3.05 बजे तक पुल का ढांचा तैयार कर दिया गया। 5.15 बजे तक नया पुल बनकर तैयार हो चुका था। पुल को बनाने में फेब्रीकेटेड मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया।

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सात घंटे 20 मिनट बाद शाम सवा पांच बजे के क़रीब नए पुल पर लाइन डालने का काम पूरा हो गया। शाम 5.40 बजे देहरादून से इलाहाबाद जाने वाली लिंक एक्सप्रेस को धीमी गति से नए पुल से गुज़ारा गया। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने उम्मीद जताई है कि अब बुंदकी से गुज़रनी वालीं ट्रेनें सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।

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