उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: एनडीए के सीपी राधाकृष्णन बने देश के नए उपराष्ट्रपति, सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया

9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के भारी अंतर से हराया।

राज्यसभा महासचिव और रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी ने मंगलवार शाम को संसद भवन में मतगणना के बाद परिणाम घोषित किया। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिसमें 15 वोट अवैध घोषित किए गए।

यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद कराया गया। राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। वे तमिलनाडु के पूर्व राज्यसभा सांसद और झारखंड व महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी जीत NDA की संसदीय मजबूती को दर्शाती है, हालांकि विपक्ष ने इसे वैचारिक लड़ाई का हिस्सा बताते हुए 40% वोट शेयर को “सम्मानजनक” बताया।

वोटिंग और गणना का विवरण

मतदान सुबह 10 बजे संसद भवन के कमरा F-101 में शुरू हुआ और शाम 5 बजे समाप्त हुआ। कुल 781 सांसदों (लोकसभा के 542 और राज्यसभा के 239) में से 98% से अधिक ने वोट डाला। बीजू जनता दल (BJD, 7 सांसद), भारत राष्ट्र समिति (BRS, 4 सांसद) और शिरोमणि अकाली दल (SAD, 3 सांसद) ने मतदान से दूरी बनाई, जिससे कुल वोटरों की संख्या 770 हो गई। बहुमत के लिए 386 वोटों की जरूरत थी।

NDA के पास 425 सांसदों का समर्थन था, जिसमें YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के 11 सांसदों का अतिरिक्त समर्थन मिला। इससे उनका कुल 436 वोटों का अनुमान था। क्रॉस वोटिंग के कारण राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि इंडिया गठबंधन के 324 सांसदों के दावे के बावजूद रेड्डी को केवल 300 वोट ही मिले। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 15 क्रॉस वोटिंग के कारण विपक्ष को नुकसान हुआ। सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (STV) प्रणाली के तहत पहली प्राथमिकता के वोटों पर ही फैसला हुआ, क्योंकि राधाकृष्णन ने बहुमत पार कर लिया।

प्रमुख नेताओं की प्रतिक्रियाएं

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: “थिरु सीपी राधाकृष्णन जी को 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत की बधाई। उनकी बुद्धिमत्ता और अंतर्दृष्टि इस पद को समृद्ध करेगी।” उन्होंने राधाकृष्णन को “उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति” बताया।
  • गृह मंत्री अमित शाह: “राधाकृष्णन जी की जीत संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करेगी। उनकी प्रशासनिक क्षमता राज्यसभा की पवित्रता बनाए रखेगी।”
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: “उनकी घास की जड़ों से जुड़ी समझ हाशिए पर रहने वालों की सेवा करेगी।”
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे: “यह केवल एक पद का चुनाव नहीं, बल्कि देश की आत्मा को बचाने का युद्ध था। 40% वोट शेयर सम्मानजनक है, वैचारिक लड़ाई जारी रहेगी।” उन्होंने 2022 के 26% वोट शेयर से तुलना की।
  • बी सुदर्शन रेड्डी: “मैं परिणाम को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास के साथ स्वीकार करता हूं। वैचारिक लड़ाई और जोरदार तरीके से जारी रहेगी।” उन्होंने राधाकृष्णन को बधाई दी।

उम्मीदवारों का पृष्ठभूमि

  • सीपी राधाकृष्णन (68 वर्ष): तमिलनाडु के तिरुप्पुर से, वे RSS प्रचारक रहे हैं। वे कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए, तमिलनाडु BJP के अध्यक्ष रह चुके हैं। झारखंड (2016-2017) और महाराष्ट्र (2023 से) के राज्यपाल रह चुके हैं। NDA ने उन्हें दक्षिण भारत में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए चुना।
  • बी सुदर्शन रेड्डी (79 वर्ष): तेलंगाना के हैदराबाद से, वे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। वे सलवा जुडुम को असंवैधानिक घोषित करने और काले धन जांच में केंद्र की सुस्ती पर टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं। विपक्ष ने उन्हें संविधान रक्षक के रूप में पेश किया।

चुनाव का महत्व

यह चुनाव NDA की एकजुटता और विपक्ष की वैचारिक रणनीति का परीक्षण था। NDA ने राधाकृष्णन के नामांकन में मोदी, शाह और चिराग पासवान जैसे नेताओं की मौजूदगी से मजबूती दिखाई। विपक्ष ने इसे “संविधान बचाओ” का चुनाव बताया, लेकिन क्रॉस वोटिंग ने उनकी एकता पर सवाल उठाए। राधाकृष्णन का शपथग्रहण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाएगा, और वे राज्यसभा के सभापति बनेंगे।

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