भारत ने गाजा शांति प्रयासों में ट्रंप के नेतृत्व का समर्थन किया: पीएम मोदी ने हमास के बंधकों की रिहाई पर सराहना की

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा शांति प्रयासों में नेतृत्व की सराहना की है, जहां हमास ने ट्रंप के प्रस्ताव के कुछ हिस्सों को स्वीकार करते हुए सभी इजरायली बंधकों की रिहाई का ऐलान किया। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बयान जारी कर कहा, “भारत स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के सभी प्रयासों का मजबूती से समर्थन जारी रखेगा।”

यह बयान हमास के शुक्रवार के ऐलान के बाद आया, जिसमें संगठन ने ट्रंप के 20-सूत्री शांति प्रस्ताव के तहत सभी बंधकों (जिंदा या मृत) की रिहाई पर सहमति जताई। हालांकि, हमास ने कहा कि गाजा के भविष्य और फिलिस्तीनी अधिकारों जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर और बातचीत जरूरी है।

हमास का ऐलान: बंधकों की रिहाई पर सहमति, लेकिन शर्तें

हमास के बयान ने लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष में बड़ा मोड़ ला दिया। संगठन ने कहा कि वह ट्रंप के प्रस्ताव के तहत सभी इजरायली बंधकों (जिंदा या मृत) की रिहाई के लिए तैयार है, बशर्ते “क्षेत्रीय स्थितियां पूरी हों”। इसमें 20 जिंदा बंधकों और 28 मृतकों के शवों को 72 घंटों में रिहा करने का प्रावधान है, बदले में इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों (जिनमें लाइफ सेंटेंस काट रहे) और 1,700 अन्य को रिहा करेगा। हमास ने मध्यस्थों (अरब, इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय) के माध्यम से तत्काल बातचीत की इच्छा जताई।

हमास ने गाजा के शासन में बदलाव का संकेत दिया, जहां वह फिलिस्तीनी “स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों” के एक निकाय को सत्ता सौंपने को तैयार है। संगठन ने ट्रंप, अरब, इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों का धन्यवाद किया। हालांकि, हमास ने कहा कि गाजा के भविष्य और फिलिस्तीनी अधिकारों पर “राष्ट्रीय फ्रेमवर्क” में और चर्चा जरूरी है, जिसमें हमास की भूमिका बनी रहेगी।

ट्रंप की भूमिका: बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल को सस्पेंड बमिंग का आदेश

ट्रंप ने हमास के बयान का स्वागत करते हुए ट्रुथ सोशल पर कहा, “हमास के बयान के आधार पर, मुझे लगता है कि वे स्थायी शांति के लिए तैयार हैं। इजरायल को गाजा पर बमबारी तुरंत रोकनी चाहिए, ताकि बंधकों को सुरक्षित और जल्दी बाहर निकाला जा सके!” उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह बहुत खतरनाक है।

ट्रंप ने रविवार शाम तक हमास को अपना 20-सूत्री प्रस्ताव स्वीकार करने की अंतिम समयसीमा दी थी, चेतावनी देते हुए कि अस्वीकृति पर “नर्क जैसा नरसंहार” होगा। व्हाइट हाउस ने इसे “शांति का रोडमैप” बताया, जो न केवल युद्ध समाप्त करेगा बल्कि गाजा में लंबे समय की स्थिरता सुनिश्चित करेगा।

ट्रंप का 20-सूत्री शांति प्रस्ताव: मुख्य बिंदु

ट्रंप का प्रस्ताव, जिसे व्हाइट हाउस ने “शांति का रोडमैप” कहा, निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर आधारित है:

  • तत्काल युद्धविराम और बंधकों तथा कैदियों का पूर्ण आदान-प्रदान।
  • गाजा से इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी।
  • हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण।
  • गाजा के भविष्य के शासन के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण में एक संक्रमणकालीन सरकार की स्थापना।

यह प्रस्ताव न केवल वर्तमान संघर्ष समाप्त करेगा बल्कि गाजा में वर्षों की हिंसा के बाद लंबे समय की स्थिरता का आधार बनेगा।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: शांति की उम्मीद

इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजरायल ट्रंप के प्रस्ताव के पहले चरण को “तत्काल लागू” करने की तैयारी कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से अवसर का लाभ उठाने को कहा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, “सभी बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्धविराम संभव है!” ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने तत्काल कार्यान्वयन की मांग की, जबकि जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इसे “शांति का सबसे अच्छा मौका” बताया।

भारत का रुख: शांति का समर्थन

भारत ने हमेशा गाजा में तत्काल युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता की मांग की है। पीएम मोदी का बयान इस दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

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