राष्ट्रपति ने ‘बहादुर बेटी’ को किया याद, बोले- नीरजा पर है गर्व

चंडीगढ़। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को यहां की बहादुर बेटी नीरजा भनोट को याद किया और कहा कि देश को उन पर गर्व है। कोविंद ने चंडीगढ़ में एमसीएम डीएवी कॉलेज के गोल्डन जुबली समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “चंडीगढ़ में कुछ महान कर गुजरने वाली महिलाओं की लंबी सूची है। लेकिन अगर मुझे एक नाम लेना हो तो मैं नीरजा भनोट के नाम का जिक्र करुंगा।”

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रामनाथ कोविंद

कोविंद ने कहा, “1986 में उन्होंने अपनी बहादुरी से आतंकवादियों की योजना को विफल कर दिया था और 359 यात्रियों की जान बचाई थी। सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं, पूरे देश को उन पर नाज है क्योंकि उन्होंने दूसरों की सुरक्षा के लिए अपनी जान दे दी।”

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नीरजा ने 5 सितंबर 1986 को कराची अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अपहृत पैन अमेरिकन विमान में आतंकवादियों से यात्रियों की हिफाजत करते हुए अपनी जान दे दी थी। घटना के दो दिन बाद वह 23 वर्ष की होनी वालीं थीं।

कराची हवाईअड्डे पर विमान अपहरण की इस घटना में 20 लोगों की मौत हुई थी और 150 लोग घायल हो गए थे।

चंडीगढ़ शहर की प्रशंसा करते हुए कोविंद ने कहा, “चंडीगढ़ भारत का पहला योजनाबद्ध शहर है। यह हरित भारत, स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत का उदाहरण है। इसके मौजूदा स्वरूप के लिए नागरिकों ने काफी सहयोग किया है।”

महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रपति ने कहा, “पुरुष-प्रधान समाज में, महिलाओं को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ता है। लेकिन हम कैसे इन सब से बाहर आ सकते हैं? मेरी समझ में, अभिभावक और परिजनों को उन्हें मुक्त होकर सोचने और नए क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त करने की इजाजत दी जानी चाहिए। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।”

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