अब गडकरी की रणनीति दिल्ली से कम करेगी वायु प्रदूषण

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषणनई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर के बीच सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में सड़कों पर भीड़ कम करने के लिए उन वाहनों को राजधानी से मोड़ा (डायवर्ट) जाना चाहिए जिनका गंतव्य दिल्ली नहीं है। गडकरी ने कहा कि सरकार पूर्वी (ईस्टरली) बायपास रोड का कार्य 26 जनवरी से पहले पूरा करने पर कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि एक बार पूर्वी और पश्चिमी (वेस्टरली) बायपास सड़कों का संचालन शुरू हो जाएगा तो दिल्ली के आसपास की जगहों पर जाने वाले वाहनों को दिल्ली से होकर गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

मंत्री ने कहा, “इस कार्य के पूरा होने से दिल्लीवासियों को वाहनों से होने वाले प्रदूषण से बड़ी राहत मिलेगी।”

गडकरी ने यह बात राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर चल रही निर्माण गतिविधियों का जायजा लेने के बाद कही।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-24 को 14 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने और दो बायपास सड़कों के बन जाने से दिल्ली में वाहनों का प्रदूषण 50 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।

गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने शहर में यातायात भीड़ को कम करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की एक योजना तैयार की है, जो प्रदूषण के स्तर को भी कम करेगी क्योंकि ‘तब वाहन जाम में फंसकर अतिरिक्त ईंधन नहीं फूकेंगे।’

उन्होंने कहा, “दिल्ली भारत का केंद्र है और राष्ट्रीय राजधानी है। दुनिया भर से लोग यहां आते हैं और शहर के नकारात्मक प्रभाव से रुबरु होते हैं। हम इसे बदलना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि डीजल और पेट्रोल के स्थान पर, सरकार वैकल्पिक और स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल पर भी काम कर रही है। यह वाहनों के प्रदूषण को कम करने का दूसरा तरीका है। इसमें इलेक्ट्रिक टैक्सियां व बसें, जैव-एथनॉल, मेथनॉल और अन्य प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।

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गडकरी ने कहा कि अगर दिल्ली में इलेक्ट्रिक बस प्रणाली शुरू की जाती है, तो इससे प्रदूषण कम हो जाएगा। जल्द ही जैव-एथनॉल आधारित बाइक लॉन्च की जाने वाली हैं, जिनमें गन्ने के भूसे से उत्पन्न ईंधन का इस्तेमाल किया जाएगा।

गडकरी ने कहा, “इससे न केवल प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी बल्कि हमारे किसान जो गन्ने का उत्पादन कर रहे हैं, उन्हें भी मदद मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि सरकार चावल के पुआल, बांस, कपास के पुआल और अन्य कृषि उत्पादों से जैव एथनॉल बनाने के लिए संयंत्र की स्थापना की संभावना पर भी विचार कर रही है।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण में निजामुद्दीन ब्रिज से दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा तक के काम पर गडकरी ने कहा कि यह इस वर्ष दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।

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गडकरी ने कहा कि जो काम पहले 30 महीनों में पूरा किया जाना था, वह मात्र 14 महीनों में पूरा हो जाएगा। इस परियोजना का 75 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस 14 लेन की सड़कों में बीच में छह लेन एक्सप्रेसवे होगा और इसके दोनों तरफ चार-चार लेन के राजमार्ग होंगे। इस परियोजना में एक साइकिल लेन और फुटपाथ बनाने का भी प्रावधान है।

गडकरी ने कहा, “दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के सभी चरणों के पूरा होने के बाद इस यात्रा में अभी लगने वाला चार घंटे का समय 45 मिनट में तब्दील हो जाएगा।”

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