थरूर की मुश्किलें बढ़ीं, अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति आर.के. गौबा ने याचिका को खारिज कर दिया।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर

थरूर ने कहा कि याचिका विचार करने योग्य नहीं है क्योंकि कानून ने आरोपी को गिरफ्तारी से बचने का अधिकार प्रदान किया है और सत्र न्यायालय को इस संबंध में फैसला लेने की शक्ति है।

वकील दीपक आनंद ने थरूर को 5 जुलाई को एक सत्र न्यायालय द्वारा दी गई अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए यह याचिका दायर की थी। थरूर पर पत्नी सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।

दिल्ली पुलिस ने याचिका का समर्थन किया था लेकिन याचिकाकर्ता के याचिका दाखिल करने के पक्ष पर सवाल उठाए थे।

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याचिकाकर्ता आनंद ने कहा था कि कांग्रेस नेता की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि यह अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के अनुसार नहीं है और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के भी खिलाफ है।

आनंद ने शीर्ष अदालत के एक फैसले का उदाहरण देते हुए कहा था कि अग्रिम जमानत याचिका जांच के दौरान या जांच के पहले दाखिल की जा सकती है, समन जारी होने के बाद इसे दाखिल नहीं किया जा सकता है।

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