बारिश के मौसम में इस संक्रमण रोग से हैं ग्रसित तो… हो जाए सावधान, जानें लक्षण और बचाव

बारिश का मौसम आते-आते कई बीमारियां अपना शिकार शुरू कर देती है। बारिश के मौसम में कई तरह के संक्रामक रोग तेजी से फैलते हैं।  इसी मौसम में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। इस मौसम में त्वचा की बीमारियों के अलावा वायरल बुखार, डेंगू, डायरिया और मलेरिया, अमीबीयासिस का खतरा बढ़ जाता है। एक बीमारी है अमीबियासिस जिसका नाम ही शायद आपने कभी सुना हो। यह एक ऐसा रोग है जो पानी से ही फैलता है। साथ ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी तेजी से फैलता है।

अमीबियासिस

क्या है अमीबियासिस

यह एक ऐसा रोग है जो मुख्य रूप से पानी से फैलता है। इस मौसम में हर स्थान पर खुले में कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। बाजार में बिकने वाला खाना कई बार काफी दिनों तक रखा ही रहता है। जिस वजह से उसमें कई तरह के वायरस और बैक्टीर्या पनपने लगते हैं। इसके अलावा खाना बनाने और परोसने वाले लोगों द्वार नाखून, सिर एवं शरीर के अन्य खुले भाग का ध्यान नहीं रखे जाने के कारण अमीबियासिस का जीवाणु एक से दूसरे तक पहुंचता है।

प्रभावित होने वाले अंग

अमीबियासिस रोग अमीबा एक – कोशकीय नामक जीवाणु से फैलता है। अमीबियासिस शरीर के कई हिस्से को प्रभावित करता है। इससे शरीर के काफी हिस्से जैसे कि लीवर, फेफड़ा, हृदय, मस्तिष्क, वृक्क, अंडाशय, त्वचा आदि को भी प्रभावित करता है।

लक्षण

  • पतले दस्त
  • भोजन के बाद पेट में दर्द
  • रुक-रुक कर दस्त शुरू हो जाना
  • कब्ज की समस्या हो
  • अपच हो जाए और उल्टी हो
  • पेट में गैस बनना यानि वायु-विकार होना
  • त्वचा संबंधी रोग होना जैसे रैशेज, दाद, खुजली आदि

बचाव

यह रोग होने पर तुरंत ही डॉक्टर को दिखाएं।

यह रोग होने पर कोई भी लापरवाही करने की जरूरत नहीं है।

फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं य हमेशा उबाला हुआ पानी पीएं।

किचन में घर के बाकी हिस्से को साफ – सुथरा रखें।

बारिश में बीगने से जितना हो सके उतना बचें।

घर पर कही पर भी पानी इकट्ठी न होने दें।

आप घर में जहां भी पानी इकट्ठा करके रखते हो उस पानी में क्लोरीन जरूर डालें।

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उपचार

अमीबियासिस के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

तरल पदार्थो जैसे जूस, नारियल, पानी, काली चाय, छाछ आदि का सेवन करें।

अपने रोज के खाने में जामुन,पपीता, लहसुन,अदरक, काली मिर्च और दालचीनी को आहार में जरूर शामिल करें।

जितना हो पाए ऐसे रोगों से बचें खास करके इसके कपडें, बिस्तर आदि से दूर रहें।

 

 

 

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