बदलते मौसम में नवजात की ऐसे करें देखभाल, नहीं होगा संक्रमण का खतरा

सितंबर का महीना चल रहा है और अक्टूबर का महीना आने वाला है। यह मौसम ठंड की दस्तक लेकर आता है। इस मौसम में कभी गर्म हवाओं का रुख होता है तो कभी सर्द हवाओं का। लेकिन यही मौसम नवजात के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। इस मौसम में ही शिशु क्या बड़ों को भी जुकाम और खांसी जैसी रोग हो जाते हैं। इस मौसम में अपने नवजात की केयर करने की बहुत आवश्यकता होती है।

नवजात

लक्षण

बच्चों की सांस तेज चलना अथवा पसली चलना।

अत्यधिक खांसी आना।

चेहरे के आसपास नीलापन।

दूध पीने में असमर्थता।

छाती में घड़घड़ाहट अथवा सीटी सी आवाज आना।

जब भी आपको अपने बच्चे में इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगे तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसा होने पर इन समस्याओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए। तुरंत डॉक्टर से मिलना ही ठीक रहता है।

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नहलाते वक्त भी रखें ध्यान

बच्चे को नहलाते वक्त भी काफी ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है। बच्चे को जब तक उसकी नाभि की गर्भ नाल पूरी तरह से सूख ना जाए तब तक गुनगुने पानी से ही नहलाना चाहिए। बच्चे को चेहरे और पेशाब व मलद्वार को हमेशा साफ रखना चाहिए। बच्चे को जब भी आप टब में नहलाए तो बच्चे को अकेला ना छोडें, साथ ही टब में उतना पानी रखें जितना में पानी बच्चे की कमर तक हो। बच्चे को कम समय तक ही स्नान कराएं जरूरत से ज्यादा नहाना भी बच्चे के लिए हानिकारक साबित होता है। बच्चे के शरीर पर साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

 

 

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