इमरान खान ने खोली पोल, बताया-सरकार पर असल नियंत्रण किसका है ?

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आए दिन कुछ न कुछ बयानबाजी करते रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने देश की शक्तिशाली सेना पर हमला बोल दिया।

उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी सरकार एक कमजोर सरकार थी, जिसे हर तरफ से ब्लैकमेल किया जाता था। उन्होंने कहा कि सत्ता की बागडोर कभी उनके हाथ में थी ही नहीं और सब को पता था कि वह किसके पास है।

बता दें कि इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद अप्रैल में उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह अमेरिका के साजिश का एक हिस्सा था, क्यों कि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई थी।

डॉन पत्रिका में प्रकाशित एक ख़बर के मुताबिक इमरान खान से एक साक्षातकार में पूछा गया कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कौन आदेश दे रहा था और किसने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी तथा पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के विरुद्ध मामलों में रुकावट पैदा की।

इमरान खान ने पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि जब उनकी सरकार सत्ता में आई थी, तब से वह कमजोर थी और उसे गठबंधन की जरुरत पड़ी। खान ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा पैदा हुई तो वह फिर से चुनाव कराने का विकल्प चुनेंगे और बहुमत की सरकार बनाने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि हमारे हाथ बंधे हुए थे। हमें हर तरफ ब्लैकमेल किया जा रहा था। सत्ता हमारे हाथ में नहीं थी। क्यों कि यह सबको पता है कि पाकिस्तान में सत्ता किसके पास है, इसलिए हमें उन पर निर्भर रहना पड़ता था।

उन्हेंने अपनी लाचारी बताते हुए कहा कि दुश्मनों के खतरे को देखते हुए हर देश के लिए एक मजबूत फौज का होना जरूरी है, लेकिन एक मजबूत सेना तथा मजबूत सरकार के बीच संतुलन होना भी आवश्यक है।

उन्होंने सेना का बिना नाम लिए आगे कहा कि हम हर समय उन पर निर्भर रहते थे। उन्होंने बहुत सी चीजें अच्छी भी की हैं, लेकिन जो बहुत सी चीजें करनी चाहिए थीं, उन्होंने नहीं की उनके पास सत्ता है, क्योंकि एनबीए जैसी संस्था पर उनका नियंत्रण है। अंतत: खान ने कहा कि उनके पास जिम्मेदारी थी, लेकिन सत्ता या शक्ति नहीं थी।

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