
दिलीप कुमार
उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं जारी हैं। बोर्ड ने नकल पर नकेल कसने के उद्देश्य पहली बार परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापकों व कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी ऑनलाइन साफ्टवेयर के जरिए लगाई है।

गैरवित्तपोषित विद्यालयों ने बोर्ड के इस कदम को असफल करने का प्रयास किया है। इन विद्यालयों ने सारे नियमों को ताक पर रखते हुए बोर्ड के पोर्टल पर त्रुटिपूर्ण और गलत जानकारी दर्ज किया है। बोर्ड ने ऐसे सभी विद्यालयों को चिन्हित कर उनकी मान्यता छीनने की तैयारी में है।

माध्यमिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव अराधना शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड की परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग की प्रवृत्ति/ संभावनाओं पर अंकुश लगाने और परीक्षाओं की सुचित व विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
नकलची विद्यालयों के द्वारा परीक्षाओं में हो रहे धांधली को ध्यान में रखते हुए अपर मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा है कि मामले की समीक्षा करके दोषी वित्तहीन विद्यालयों को दोबारा परीक्षा केंद्र न बनाने पर विचार किया जाएगा और मान्यता प्रत्याहरण तक की कार्यवाही की जाएगी।
आपको बता दें कि केंद्र व्यवस्थापक को शिक्षक का नाम, आधार कार्ड नम्बर, विद्यालय का नाम, पासबुक, पैनकार्ड आदि का ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज करना होता है। उसके आलांवा परीक्षा शुरू होने के एक घंटे के अंदर कक्ष निरीक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करनी होती है।