
नई दिल्ली। सरकार ने जिस तरह आधार कार्ड को सीधे तौर पर आम आदमी से जोड़ दिया है उससे एक बात तो तय की सरकार प्रत्येक योजनांओं का लाभ सीध आम आदमी को पहुंचाना चाहती है। इसी कड़ी में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि यूआईडीएआई ने आदमी की पहचान के तथा उसके सत्यापन के लिये एक नया तरीका लागू करने जा रही है।
दरअसल यूआईडीएआई ये सुविधा पहले दूरसंचार सेवा कंपनियों के साथ 15 सितंबर को शुरू की जा रही है। इसके तहत मोबाइल सिम कार्ड के लिए आवेदन के साथ लगाए गए फोटो को संबंधित व्यक्ति के आमने-सामने लिए गए फोटे से की जाएगी।
प्राधिकरण ने अगले महीने के मध्य से इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कंपनियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव किया है।
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यूआईडीएआई ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया था।
बता दें कि इस साल जून में हैदराबाद के एक मोबाइल सिम कार्ड वितरक ने आधार ब्योरे में गड़बड़ी कर हज़ारों की संख्या में सिम एक्विटवेट किए थे।
यूआईडीएआई ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के अलावा अन्य सत्यापन एजेंसियां के लिए चेहरा पहचानने की सुविधा के क्रियान्वयन के बारे में निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे। हालांकि प्राधिकरण ने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं दी है।
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यूआईडीएआई ने कहा कि ये कदम फिंगरप्रिंट में गड़बड़ी की संभावना रोकने या उसकी क्लोनिंग रोकने के लिए उठाया गया है। यूआईडीएआई के एक परिपत्र के अनुसार 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कंपनियों को महीने में कम से कम 10 फीसदी सत्यापन चेहरे का लाइव फोटे से मिलान करके करना अनिवार्य होगा।