प्रयागराज में हाईकोर्ट फ्लाईओवर के पास भीषण हादसा: बेकाबू कार ने चार को कुचला, दो महिलाओं की मौत, दो गंभीर

प्रयागराज के सिविल लाइंस क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक भयावह हादसे ने सभी को झकझोर दिया। हाईकोर्ट फ्लाईओवर के नीचे फुटपाथ पर सो रहे चार लोगों को एक बेकाबू वैगन-आर कार ने रौंद दिया।

इस हादसे में दो वृद्ध महिलाओं की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। एक वृद्धा की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं दूसरी ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने कार को कब्जे में ले लिया है और वाहन के नंबर के आधार पर फरार चालक की तलाश शुरू कर दी है।

हादसा रात करीब 11:30 बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अंबेडकर चौराहे की ओर से तेज रफ्तार में आ रही वैगन-आर कार न्याय मार्ग की ओर मुड़ते समय चालक के नियंत्रण से बाहर हो गई। कार सीधे फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर चढ़ गई। इसमें दो वृद्ध महिलाओं और एक युवक को कुचलते हुए कार आगे बढ़ गई, जबकि एक 60 वर्षीय वृद्धा कार के नीचे फंस गई और काफी दूर तक घिसटती रही। इसके बाद कार दीवार से टकराकर रुक गई। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और कार के नीचे फंसी महिला को निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

घायलों की स्थिति
घायल बॉबी (27), निवासी कौशाम्बी, ने बताया कि हादसे में श्रीदेवी (65), निवासी मिश्रान गली, फैजाबाद, और गुलाब कली (65), निवासी गौरा कला, कौंधियारा, भी घायल हुईं। श्रीदेवी के सिर में गंभीर चोटें आईं और उनका दाहिना पैर टूट गया। गुलाब कली के दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हुआ, जबकि बॉबी के हाथ में भी चोटें आईं। सभी मजदूरी करके जीवन यापन करते थे और रोज की तरह फुटपाथ पर सो रहे थे। दूसरी वृद्धा गुलाब कली की भी भोर में करीब 5 बजे अस्पताल में मौत हो गई। मृतक महिलाओं की पहचान अभी तक पूरी तरह से नहीं हो सकी है।

भीड़ का गुस्सा, कार पर पथराव
हादसे के बाद मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। गुस्साए लोगों ने कार पर ईंट-पत्थरों से जमकर तोड़फोड़ की। एंबुलेंस के देर से पहुंचने पर भी लोगों में नाराजगी देखी गई। सिविल लाइंस थाना प्रभारी रामाश्रय यादव ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। कार सवार चार युवकों की पहचान की जा रही है, और वाहन को कब्जे में लेकर मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए हैं।

फुटपाथ पर गुमनाम मौत
हादसे ने एक बार फिर समाज की संवेदनहीनता को उजागर किया है। फुटपाथ ही इन लोगों का बिस्तर था और आसमान उनकी छत। लेकिन किस्मत को शायद यह भी मंजूर नहीं था। रात के सन्नाटे में बेकाबू कार ने एक वृद्धा को हमेशा के लिए सुला दिया, और कार सवार उसे अस्पताल पहुंचाने के बजाय फरार हो गए। मृतक और घायल महिलाओं के पास न कोई पहचान पत्र था, न ही कोई परिजन जो उनका साथ दे। हादसे के बाद भीड़ में एक ही सवाल गूंज रहा था- क्या फुटपाथ पर सोना गुनाह है? यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि समाज और व्यवस्था की नाकामी का प्रतीक है।

LIVE TV