आज है हॉकी के बेताज बादशाह का जन्मदिन, जानिए उनके रिकॉर्ड जो कोई नहीं पाया तोड़

ध्यानचंदनई दिल्ली : आज हॉकी के बेताज बादशाह ध्यानचंद का आज जन्मदिन है. पूरे देश में ध्यानचंद की जयंती मनाई जा रही है. दिल्ली में 17 खिलाड़ियों को खेल पुरस्कारों से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्मानित करेंगे. 29 अगस्त 1905 को ध्यानचंद  का जन्म इलाहाबाद में हुआ था. 42 साल तक की उम्र में ध्यानचंद ने हॉकी खेली.

पहली बार ध्यानचंद ने 14 साल की उम्र में हॉकी थामी थी. साल 1922 में 16 साल की उम्र में पंजाब रेजीमेंट में बतौर सिपाही शामिल हुए और यहीं से हॉकी खेलने का सफर शुरू हुआ.

इन्होंने देश को तीन बार ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाया. ध्यानचंद को लगातार 1928, 1932 और 1936 में गोल्ड मेडल मिले थे. आज तक इस रिकॉर्ड को कोई भी हॉकी प्लेयर तोड़ नहीं पाया है.

इसके अलावा साल 1932 ओलंपिक में लगातार दो मैचों में 12 गोल मारकर देश को स्वर्ण पदक दिलवाया. यह रिकॉर्ड भी अभी तक किसी ने नहीं तोड़ा है.

साल 1936 ओलंपिक में नंगे पैर दूसरे हॉफ में जर्मनी के खिलाफ उतरे और 8-1 से देश को जीत दिलाई.

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ध्यानचंद ने आखिरी मैच साल 1948 में खेला. नीदरलैंड में ध्यानचंद की स्टिक को तोड़कर उसकी जांच की गई. लोगों को आशंका थी कि ध्यानचंद की स्टिक में चुंबक हो सकता है. उनकी बॉल टेकिंग तथा ड्रिफ्टिंग की असाधारण क्षमता की वजह से ऐसी जांच की गई थी.

ध्यानचंद ने अपने करियर में करीब 400 गोल किए.

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