विश्व एड्स दिवस : प्यार के आगे हार गया एचआइवी

एचआइवीफरीदाबाद। उसे पता था कि महिला एचआइवी पॉजिटिव है लेकिन, उसने दिल की सुनी। दिल ने कहा-शादी कर लो और उसने शादी कर ली। जिससे लोग दूर भागना चाहते थे, उसके साथ आज वह रह रहा है। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं है। हकीकत है। फरीदाबाद शहर की एक महिला के पति का कुछ वर्ष पहले निधन हो गया। उनका एक बेटा भी है। इसी कंपनी में एक सज्जन भी कार्यरत हैं। उनकी पत्नी का कुछ समय पहले निधन हो गया था। इनकी एक बेटी है।

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वह एक ऐसी महिला की तलाश में थे, जो जीवनसाथी तो बने ही साथ ही उनकी लाडली की भी परवरिश कर सके। एक ही कंपनी में होने के कारण उनकी और महिला में दोस्ती हो गई। दोनों अक्सर मिलने लगे। दोस्ती कब मोहब्बत में बदल गई, पता ही नहीं चला। एक दिन उनको एक मित्र ने सलाह दी कि जब तुम दोनों में इतनी मोहब्बत है तो शादी क्यों नहीं कर लेते?

अगर शादी कर लोगे तो तुम दोनों का जीवन संवर जाएगा। सज्जन इस प्रस्ताव पर पहले से ही गंभीर थे। उन्होंने महिला से अपने मन की बात कही। महिला को भी लगा कि अगर वह उनसे शादी कर लेती है तो संभव है कि उनके जीवन की बगिया में भी फूल खिल उठें। दोनों यह सोच कर प्रसन्न थे कि एक बच्चे को पिता, दूसरे को मां मिल जाएगी। दोनों के बीच विवाह को लेकर बातचीत होने लगी।

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महिला की ईमानदारी देखिए। उसने सज्जन को बता दिया कि वह एचआइवी से पीड़ित है, लेकिन उसका बेटा पूरी तरह स्वस्थ है। इस बात को सुनकर पहले तो चौंके, लेकिन उन्होंने हिम्मत का परिचय दिया। दरियादिली दिखाई। उन्होंने महिला से शादी करने की रजामंदी दे दी। जल्द ही वे परिणय सूत्र में बंध गए। आज दोनों बड़े ही सुकून के साथ गृहस्थ जीवन में जी रहे हैं।

सज्जन, अपनी एचआइवी पीड़ित पत्नी के इलाज के लिए स्वयं ही अस्पताल आते हैं। दोनों बेहद खुश हैं।

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