#क्रिसमस2017 : कौन थे सबसे पहले सैंटा? क्‍यों लटकाते हैं क्रिसमस ट्री पर मोजे?

सैंटा क्‍लॉजनई दिल्‍ली। क्रिसमस डे का नाम सुनते ही जीजस के बाद अगर कुछ ध्‍यान आता है तो वो है सैंटा क्‍लॉज । बच्चों के बीच की क्रिसमस डे के कुछ दिन पहले से ही उत्‍साह रहता है। एक रात पहले ही बच्‍चे इस उम्‍मीद से क्रिसमस ट्री पर मोजे लटका देते हैं। वो एक्‍साइटेड होकर 3-4 दिन पहले से ही सैंटा क्‍लॉज के आने का इंतजार करने लगते हैं।

जिस सैंटा का को खुशियों का दूत माना जाता है। जिनके आने का हर किसी को बेसब्री से इंतजार वो सैंटा क्‍लॉज असल में कौन थे? बहुत लोग हैं जो सबसे पहले सैंटा के बारे में जानते हैं। कुछ ही लोग इस बातको जानते हैं कि सैंटा क्‍लॉज के आने की प्रथा कब से शुरू हुई थी।

बता दें, डेढ हजार साल पहले सबसे पहले सैटा क्‍लॉज का जन्‍म हुआ था। सबसे पहले सैंटा संत निकोलस थे। संत निकोलस का जन्‍म जीजस की मौत के 280 साल बाद हुआ था। संत निकोलस बहुत अमीर घर के ताल्‍लुक रखते थे। बचपन में ही उन्‍होंने अपने मां-पिता को खो दिया था।

बचपन से ईसाई धर्म के प्रति रुचि होने की वजह से वह आगे चलकर इसाई धर्म के पादरी और बिशप बने थे। वो गरीबों की बहुत मदद करते थे। हालांकि दूसरों की मदद करके उन्‍हें तारीफ लूटना सख्‍त नापसंद था। इसलिए वो गरीबो और जरूरतमंदों की मदद के लिए आ‍धी रात को निकलते थे।

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वैसे तो संत निकोलस ने कई जरूरतमंदों की मदद की थी लेकिन एक कहानी बहुत ज्यादा मशहूर है। कहा जाता है कि एक गरीब था जिसकी तीन बेटियां थीं। उसे अपनी बेटियों की शादी की बेहद चिंता थी। पैसों की कमी की वजह से उसकी बेटियां देह व्‍यापार करने को मजबूर हो गई थीं।

संत निकोलस को जैसे ही इस बात का पता चला तब उन्‍होंने उस गरीब परिवार की मदद करने की ठान ली। एक रात जब वो परिवार सो रहा था तब संत निकोलस वहां चुपके से उनकी मदद करने के लिए गए थे।

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वहां पर उन लोगों के मोजे सूख रखे थे। संत निकोलस ने उनके मोजों में सोने के सिक्‍के डाल दिए थे। जब उस परिवार के लोग सोकर उठे उन्‍होंने अपने मोजे में सोने के सिक्‍के देखें तो बहुत कुछ और हैरान हो गए। उन सोने के सिक्‍कों से उनके परिवार की सारी गरीबी और मुसीबतें दूर हो गईं।

क्रिसमस की एक रात पहले घर के बाहर मोजे लटकाने की प्रथा यहीं से शुरू हुई थी। फ्रांस में चिमनी में मोजे लटकाने की प्रथा आज भी है। संत निकोलस का डच नाम सिं‍टर क्‍लास है यही आगे चलकर सैंटा क्लॉज बन गया। फ्रांस में 6 दिसंबर को निकोलस दिवस मनाया जाता है। इसी‍ दिन इनका निधन हुआ था।

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