#hindidiwasspecial: इन फिल्मों ने दिया राष्ट्र भाषा पर ज़ोर
मुंबई। इंसान अपने दिल के जज्बात लफ्ज़ों में बयां करता है। ये लफ्ज उस भाषा में हों जिनसे हम दिल ही नहीं जन्म से जुड़े हों तो सामने वाला बात अच्छे से समझ पाता है। आज के समय में खुद को मॉर्डन दिखाने के दौड़ में व्यक्ति अपनी वास्तविकता भूलता जा रहा है। भरे समाज में लोगों को हिंदी बोलने में शर्म महसूस होती है। बॉलीवुड ने समाज के इस पहलू को पर्दे पर बखूबी समझा और समझाया है। हिंदी दिवस के मौके पर हम आपको उन फिल्मों से रूबरू करवाएंगे।
इंग्लिश विंग्लिश-
इस फिल्म से श्री देवी ने पर्दे पर लंबे समय बाद कमबैक किया था। श्रीदेवी की इस कमबैक फिल्म ने लोगों का दिल जीत लिया था। फिल्म की कहानी एक ऐसी घरेलू औरत (शशि) की थी जो सभी काम में निपुण है पर उसे इंग्लिश बोलनी नहीं आती है। इस वजह से उसके बच्चे और पति उससे ढ़ंग से पेश नहीं आते हैं। इसलिए वह इंग्लिश सीखना शुरू करती है। इस फिल्म से बताया गया कि दूसरी भाषा जानना अच्छी बात है लेकिन अपनी भाषा को बोलना कोई शर्म नहीं।
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हिंदी मीडियम-
फिल्म में ऐसे दम्पत्ति की कहानी दिखाई गई है, जो अमीर तो बहुत हैं लेकिन उन्हें इंग्लिश नहीं आती है। इसलिए वह अपनी बेटी का दाखिला उसकी चाह के बिना अंग्रेजी स्कूल में कराना चाहते हैं। उनके मुताबिक अगर किसी को अंग्रेजी बालनी नहीं आती है तो समाज उसे स्वीकार नहीं करता है। फिल्म के अंत में इस बात पर जोर दिया गया है कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है हिंदी मीडियम से पढ़े हुए बच्चों को भी समाज में वही दर्जा मिलना चाहिए जो अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को मिलता है।
नमस्ते लंदन-
फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि अक्षय कुमार की शादी कटरीना कैफ से होती है। शादी के बाद विदेश में पहुंचे अक्षय को सब गंवार समझते हैं। अंत में खुलासा होता है कि अक्षय को अंग्रेजी बोलनी आती है पर उसे अपनी मातृभाषा हिंदी बोलने पर गर्व था। इसलिए वह अंग्रेजी जानते हुए भी हिंदी ही बोलता था।
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हाफ गर्लफ्रेंड-
इस फिल्म में भी हिंदी भाषा के महत्व को दिखाया गया है। फिल्म में अर्जुन कपूर के किरदार को पढ़ाई में काफी तेज दिखाया है। लेकिन उसके किरदार को अंग्रेजी नहीं आती है। उसे ऐसी लड़की से प्यार होता है जो सिर्फ अंग्रेजी में ही खिट-पिट करती है। पूरी फिल्म में हिंदी भाषा के महत्व को ही दर्शाया गया है।