ओडिशा में कोरोना का कहर जारी, राज्य सरकार पर लगा आंकड़े छुपाने का आरोप

देश में कोरोना महामारी की आने वाली तीसरी लहर को रोकने की तैयारी की जा रही है। वहीं दूसरी इस महामारी की दूसरी लहर से अभी जंग जारी है। ऐसे में ओडिशा से एक अहम खबर सामने आई है। दरअसल इस साल मई में, गंजम में सबसे ज्यादा 4,641 से अधिक मौतें हुई हैं। इसके बाद कटक में 3,754, बोलांगीर में 3,716, सुंदरगढ़ में 3,619 और खुर्दा में 3,571 हैं मौतें हुई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ीसा हाई कोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी से हुई मौतों पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकारी हलफनामे में कई विसंगतियों की ओर इशारा किया था। राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि इस साल 15 जुलाई से 31 अगस्त के बीच 3,097 मौतें हुईं, जबकि बाद की तारीख में दायर एक अन्य हलफनामे में सरकार ने कहा कि 31 अगस्त तक ओडिशा में कोरोना महामारी के कारण 8,022 मौतें हुईं।

माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. त्रिभुवन महापात्र ने कहा कि पिछले साल हुई मौतों में से कुछ कोरोना या कोरोना से जुड़े कारणों से हो सकती हैं। इसके साथ माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ ने कहा यह बहुत संभव है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग कोरोना के लिए अस्पताल नहीं जा सके होंगे या उनकी मृत्यु से पहले उनका परीक्षण नहीं किया गया हो।

ऐसे में अब बीजेपी नेता मोहन मांझी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि साफ जाहिर है कि सरकार कोविड-19 के वास्तविक आंकड़ों को छिपाकर गुमराह कर रही है। नेता मोहन मांझी ने यह भी कहा जनता से आंकड़ों छिपाना एक अपराध है। इसके साथ यह मानवता के खिलाफ भी अपराध है।

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