एजेन्सी/लखनऊ के डीएम ने फरियादियों को शिकायत पर सुनवाई के लिए फोन किए। फोन पर फरियादियों ने क्या जवाब दिए और उस पर डीएम का रिएक्शन देखें खबर में…
हैलो, वीर बहादुर जी बोल रहे हैं, मैं डीएम लखनऊ राजशेखर बोल रहा हूं। आपने तीन फरवरी 2016 को तहसील दिवस में शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव का एक दबंग व्यक्ति आपसे हड़पा 16 हजार रुपया वापस नहीं कर रहा है।
क्या पुलिस ने आपकी कोई मदद की। फोन पर फरियादी का जवाब आया- नहीं साहेब, कोई सुनवाई नहीं हुई, कई बार पुलिस थाने के चक्कर भी लगाए।
इससे नाराज डीएम ने मौके पर ही एसओ माल थाने से जुड़े इस प्रकरण के निस्तारण में लापरवाही पर एसओ माल के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज कराने का निर्देश दिया।
इसी तरह डीएम ने सिरगामउ निवासी सिद्धार्थ द्वारा गांव में लगे ट्रांसफार्मर की खराबी को दूर कराने की शिकायत के निस्तारण को भी परखा और निस्तारण न पाए जाने पर मौजूद तहसील व बिजली विभाग के अफसरों को फटकार लगाई।
मलिहाबाद तहसील क्षेत्र से जुड़े इलाकों का निरीक्षण करने मंगलवार सुबह नौ बजे तहसील कार्यालय पहुंचे डीएम राजशेखर ने तहसील सहित जनसमुदाय से जुड़े कुछ अन्य विभागों का काम काज इसी अंदाज में परखा।
डीएम ने पाया कि भले ही तहसील स्तर पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण का प्रतिशत 98 फीसदी बताया जा रहा हो लेकिन सच यही है कि इनमें से मात्र 70 फीसदी शिकायतों का निस्तारण ही संतोषजनक होता है।
ब्लॉक निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने 13वें वित्त मद से मिली राशि से गांव क्षेत्र में कराए गए निर्माण कार्यों में हुई धांधली भी पकड़ी। अभिलेखीय जांच में डीएम ने पाया कि ब्लॉक स्तर पर अनुदानित राशि से 55 लाख रुपया के ऐसे कार्य कराए गए जिनमें टेंडर दिए जाने के मानक तक का अनुपालन नहीं किया गया।
ब्लॉक कर्मियों की मिलीभगत से कार्य संबंधी टेंडर क्षेत्रीय स्तर पर संचालित ऐसे अखबार में प्रकाशित कराया गया जिसकी प्रसार संख्या न के बराबर मिली।उन्होंने इस मामले में गड़बड़ी के आरोपी लेखाकार तेजपाल को निलंबित कर संबंधित बीडीओ एडीओ और जेई आरईएस के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज कराने की कार्रवाई का निर्देश जारी किया।