सियासी फायदे के लिए आग में झोंक दिया हरियाणा, ‘राम रहीम’ हिंसा में खट्टर सरकार की मिलीभगत!

हरियाणा हिंसाचंडीगढ़। हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को रेप मामले में दोषी करार ठहराया। कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य को राम रहीम के समर्थकों के क्रोध का सामना करना पड़ा और चारों ओर मौत का तांडव शुरू हो गया। इस स्थिति के पनपने की आशंका होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था में ढील रही, जिस कारण घटना ने विकराल रूप ले लिया। हाईकोर्ट ने घटना पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए उसका जिम्मेदार ठहराया है।

कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अपने निजी स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए इस घटना को रोकने का कोई भी सफल प्रयास नहीं किया और मासूम लोगों को आग में जलने के लिए छोड़ दिया।

त्यौहारों में अब नहीं होगी यात्रियों को दिक्कतें, रेलवे इन ट्रेनों में लगाएगा अतिरिक्त कोच

इस मामले में कोर्ट ने यह भी कहा है कि डेरा की प्रापर्टी को जब्त करके हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। तब तक न तो उसे बेचा जा सकेगा और न ही प्रापर्टी किसी को ट्रांसफर की जाएगी।

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद भड़की हिंसा ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।

हिंसा की यह घटना हर किसी के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। एक आरोपी जिसे कोर्ट ने रेप का आरोपी घोषित किया।

लाखों की भीड़ में उसी के समर्थक उसे देवता मानते हुए कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे थे। इसे भक्ति भावना कहें या अंध भक्ति जिसकी आड़ में मासूमों को मौत के घाट उतार दिया गया।

चारो ओर आग लगा दी गयी। कितने ही लोग इस हिंसा के ग्रास बने और घायल अवस्था में जिन्दगी और मौत के दोराहे पर खड़े हुए हैं।

इस मामले में सिक्युरिटी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई पीआईएल पर सुनवाई हो रही है। मामले में अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।

जम्मू एवं कश्मीर : पुलवामा मुठभेड़ में 5 जवान शहीद, 2 आतंकवादी मारे गए

शनिवार को कोर्ट ने डेरे की प्रॉपर्टी की जानकारी मांगी और कहा कि अब अगले आदेश तक न ही डेरा की प्रापर्टी बेची जा सकती है न ही ट्रांसफर होगी।

कोर्ट ने डिप्टी कमिश्नर्स से कहा है कि जो भी नुकसान हुआ है, उसे लेकर एक पब्लिक नोटिस जारी करें। नुकसान की जानकारी कोर्ट को दें।

वहीं, एडवोकेट जनरल से सवाल किया कि पहले बताया गया था कि 5 गाड़ियां कोर्ट आएंगी, फिर बाबा का इतना बड़ा काफिला कैसे पहुंचा।? ज्यादा गाड़ियां कैसे पहुंची? डिटेल लेकर आएं कि डेरे की कितनी गाड़ियां कोर्ट पहुंची थी।

शुक्रवार को राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पीआईएल पर सुनवाई हुई थी। तब हाईकोर्ट ने कहा था कि डेरामुखी का स्टेटस बदल गया है और स्टेट अपनी सोच बदले।

राम रहीम पर रेप मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले से पंचकूला में भारी तादाद में उनके समर्थक जुटने लगे थे। ऐसे में हालात बिगड़ने की आशंका में यह पीआईएल लगाई गई थी।

डेरा चीफ को सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को रेप केस में दोषी करार दिया। इसके बाद हरियाणा-पंजाब समेत छह राज्यों में फैली हिंसा में 32 लोगों की मौत हो चुकी है। 250 से ज्यादा जख्मी हुए हैं। सजा का एलान 28 अगस्त को किया जाएगा।

राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद हरियाणा-पंजाब समेत 5 राज्यों में हिंसा, आगजनी और पथराव में पब्लिक प्रॉपर्टी का काफी नुकसान हुआ।

इस पर हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि डेरा सच्चा सौदा की प्रॉपर्टी जब्त करके इस नुकसान की भरपाई की जाए।

हिंसा में 30 लोगों की जान गई और 250 से ज्यादा घायल हुए। 350 ट्रेनें रद्द हैं। पंचकूला में सैकड़ों गाड़ियां जला दी गईं।

सरकारी दफ्तरों में भीड़ घुस गई। मीडिया की ओबी वैन भी जला दी गईं। पंजाब के दो रेलवे स्टेशन मलोट और बल्लूआन में आगजनी की गई।

भारत को मात देने के लिए चीन ने लिया तिरंगे का सहारा, हरकत जान खौल जाएगा खून

पंचकूला के मानसा में इनकमटैक्स ऑफिस और संगरूर में तहसीलदार का दफ्तर जला दिया गया। दो पेट्रोल पंप फूंक दिए गए।

हरियाणा में सिरसा समेत कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई। दिल्ली में बसें और आनंद विहार स्टेशन पर रीवा एक्सप्रेस की दो बोगी फूंक दी गईं।

वहीं, यूपी के गाजियाबाद में लोनी में बस फूंक दी गई। राजस्थान के श्रीगंगानगर में भी आगजनी और हिंसा हुई।

हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एसएस सारों, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अवनीश झिंगन की बेंच ने शुक्रवार को कहा था कि वे जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा में पुलिस के इंतजामों का आलम देख चुके हैं।

अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। ऐसे में पंचकूला में सभी ज्युडीशियल ऑफिसर्स को पैरा मिलिट्री फोर्स मुहैया कराई जाए। कोर्ट ने कहा कि राउंड दि क्लॉक यह सिक्युरिटी जारी रहेगी।

वहीं सुनवाई के दौरान वकीलों ने पुलिसवालों के मौके से भागने की बात भी सामने रखी। बताया गया कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पैरा मिलेट्री फ़ोर्स को बुलाया गया। मिलेट्री के घटना स्थल पर पहुँचने पर पुलिस वाले मौके से भागने लगे।

इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से सवाल किया कि इस कोताही के लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार अफसरों पर जरूरी कार्रवाई की जाए।

कोर्ट ने एडवोकेट जनरल को अपनी बात रखने और मौके से भागने वाले पुलिस कर्मियों के नाम देने की बात कही है। इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित स्टाफ और वकीलों को सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी के भी निर्देश दिए हैं।

देखें वीडियो :-

LIVE TV