इस हनुमान जयंती पर विशेष पूजा करना होगा कल्याणकारी, जाने शुभ मुहूर्त

(अराधना)

जब भी कोई विपदा आती है तो हम सबके कष्टो को हरने वाले संकटमोचन हनुमान जी को याद करते है। हनुमान जी को सब लोग बजरंगबली के रुप में भी पूजते है। हनुमान जयंती के शुभ दिन पर हनुमान जी से जुड़ी प्रत्येक तथ्य के बारे में जानते है।

बजरंगबली हनुमान जी का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मंगलवार के दिन हुआ था। प्रभु श्रीराम के जन्म चैत्र नवमी के ठीक 6 दिन बाद रुद्रवतार पवनपुत्र का जन्म हुआ था। माता अंजना के गर्भ से जन्मे केसरीनंदन के जन्म का उद्देश्य उनके प्रभु श्रीराम को संकटों से बचाना था। संकटमोचन हनुमान जी ने अपने जीवन के इस परम उद्देश्य को सार्थक किया था। बजरंग बली ने अपनी परम भक्ति से साबित किया कि भगवान राम जी से बड़ा उनकी भक्ति है। इस हनुमान जयंती पर विशेष योग बन रहे है। जानिए पूजा के समय और विधि से जुड़ी सारी जानकारी

हनुमान जयंती पर विशेष योग

इस बार हनुमान जयंती 16 अप्रेल दिन शनिवार को मनाया जाएगा। हनुमान जी के जयंती पर रवि योग बन रहा है। सभी प्रकार के दोषों को दूर कर कार्यों में सफलता प्रदान करने के लिए रवि योग का विशेष महत्व है। रवि योग का मुहूर्त प्रात: 5 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होकर सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना आपके लिए विशेष लाभदायी सिद्ध होगा।

इस दिन हस्त नक्षत्र सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक है, उसके बाद से चित्रा नक्षत्र शुरु हो जाएगा। ये दोनों ही नक्षत्र मांगलिक एवं शुभ कार्यों के लिए उचित हैं। 16 अप्रैल को अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 55 मिनट से शुरु होकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। कोई कार्य शुरु करने के लिए ये दिन शुभ है।

शनिवार के दिन हनुमान जयंती

इस बार हनुमान जयंती शनिवार के दिन है। शनि की महादशा साढ़ेसाती या ढैय्या से परेशान लोग  हनुमान जी के आशीर्वाद से कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं। शनि देव ऐसे लोग जो राम सेवा में लगे हों या फिर हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते हो, उन्हें कभी भी परेशान नहीं करते हैं। शनि दोष से बचने के लिए आप इस हनुमान जयंती पर बजरंगबली की विशेष पूजा करें। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 16 अप्रैल को तड़के 02 बजकर 25 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 24 मिनट तक है।

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